Tuesday 20 September 2016

आपके सुनियोजित प्रयास आपकी सफलता के पर्याय द्वारा अनिल कुमार गुप्ता पुस्तकालय अध्यक्ष केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का

आपके सुनियोजित प्रयास
आपकी सफलता के पर्याय

द्वारा

अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का

प्रयास अर्थात कोशिश और सफलता अर्थात उद्देश्य को प्राप्त कर लेना या फिर कहें मंजिल तक पहुंचना ये दोनों ही एक दूसरे के पर्याय हैं | किसी भी कार्य का सफल होना मुख्यतया सुनियोजित  तरीके से किये गए प्रयास का प्रतिफल होता है | अपने उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता , अपने उद्देश्य के प्रति प्रतिपल जागरूक रहना अति आवश्यक होता है | किसी भी कार्य को करने से पहले योजना बनाना अति महत्वपूर्ण है | योजना बनाते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए जैसे कि किन – किन संसाधनों की आवश्यकता होगी, कार्य पूर्ण करने की समयावधि कार्य पर कुल व्यय कितना होगा, क्या विषय विशेषज्ञ की आवश्यकता महसूस होगी या फिर किसी मार्गदर्शक की आवश्यकता होगी | यह आवश्यक है कि कुछ सफल व्यक्तियों की सफलता के राज अवश्य पढ़ें , उनकी कार्यशैली का अध्ययन करें यह आपके लिए बहुत ही जरूरी है | किन्तु अपनी एक अलग कार्यशैली विकसित करें | दूसरों की नक़ल करना आवश्यक नहीं | स्वयं को सकारात्मक सोच से पोषित करते रहें | कार्य के प्रति अनुशासन बनाये रखें | स्वयं पर निर्भरता ज्यादा हो तो अच्छा है |   दूसरों पर निर्भरता कम हो तो अच्छा हो | अपने प्रयासों को कुछ हटकर दिशा दें ताकि सफलता की गारंटी सौ प्रतिशत हो सके |

                     आज का युग प्रतियोगिता का युग है | हर एक व्यक्ति का यह प्रयास होता है कि वह दूसरों से आगे निकल सके | आपके प्रयास सही मार्ग से होकर गुजरें इस बात का ध्यान अवश्य रहिये | शॉर्टकट से बचें | उद्देश्य की प्राप्ति में किये जाने वाले प्रयास सौ प्रतिशत सही मार्ग के चयन के साथ करें | ताकि आपको शर्मिन्दा न होना पड़े | समय के साथ चलें स्वयं को बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न करें | और नयी - नयी चीज़ें अवश्य सीखते रहें | जैसे मातृभाषा के साथ – साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर की कम से कम एक भाषा अवश्य सीखें जो कि आपके प्रयासों में , कोशिशों में आपकी साथी हो सके|

              अपने प्रयासों में आवश्यक हो तो दूसरों की राय या सुझावों पर एक बार विचार अवश्य करें हो सकता है कोई ऐसा रास्ता आपको मिल जाए जो आपको आपकी मंजिल की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके | इन लोगों में आपके अपने माता – पिता , भाई – बहन , दोस्त व आसपास के उन लोगों को आप शामिल कर सकते हैं जिन पर आपको विश्वास हो |कभी – कभी ऐसा भी हो सकता है कि जिस मार्ग से होकर आप आगे बढ़ना चाहते हों वह मार्ग आपको सही दिशा न दे सके | ऐसे में आपके आसपास के लोग आपके उद्देश्य की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं |

                     आपके प्रयास तभी कारगर साबित हो सकते हैं जब आप कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें | जिनमे से कुछ इस प्रकार हैं :-

·       स्वयं को हमेशा उत्साहित बनाए रखें | इसके लिए आवश्यक है कि आप स्वयं पर विश्वास करें |

·       हमेशा सकारात्मक सोच का साथ लें | यदि एक बार असफलता हाथ आती है तो भी अपने प्रयासों को जीवंत बनाए रखें |

·       स्वयं को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाएं | नयी – नयी जानकारियाँ प्राप्त करते रहें | स्वयं को अलग  - अलग विधाओं का धनी बनाने की ओर अग्रसर रहें |

·       अलग  - अलग  विषयों पर जानकारी एकत्रित करते रहें | छोटे  - छोटे अंतराल के कोर्सेज करते रहें |

·       समय प्रबंधन एवं इवेंट मैनेजमेंट पर किताबें अवश्य पढ़ें | समय बहुत कीमती होता है यह हम सब जानते हैं इसलिए आवश्यक है कि हम किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए समय को बहुत ही ज्यादा महत्त्व दें | इस हेतु जितनी अच्छी आपकी योजना होगी उतने ही अच्छे परिणाम आपको प्राप्त होंगे |

·       सफल व्यक्तियों के सुझावों का अध्ययन करें | यह आवश्यक है कि हम उन महान विभूतियों के जीवन संस्मरणों का अध्ययन करें जो हमें ऊर्ज़ा के साथ  - साथ जिन्दगी में सफल कैसे हों यह बता सके |  

·       एक से ज्यादा भाषाओं पर ध्यान केन्द्रित करें व उन्हें सीखें | आज ग्लोबल स्तर पर सारे कार्य या प्रयास किये जाते हैं अतः आवश्यक है कि हम ग्लोबल स्तर की एक या दो भाषाओं का ज्ञान अवश्य प्राप्त करें |

·       स्वयं को धार्मिक विचारों से पोषित करते रहें ताकि सदमार्ग पर चलकर आप अपनी मंजिल प्राप्त कर सकें | स्वयं को संतुलित एवं नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है कि हम धार्मिक अनुष्ठानों से स्वयं को जोड़कर रखें | यह हमारे मन में सकारात्मक ऊर्ज़ा का प्रवाह करेगा | हमें भटकने से रोकेगा  और हम सही मार्ग पर आगे बढ़ते रहेंगे |

·       दूसरों से प्रतियोगिता करें न कि उन्हें गिराकर आगे बढ़ें | आज की पीढ़ी की एक ही समस्या है वह यह कि उन्हें इंतज़ार बर्दाश्त नहीं है | वे समय से पहले ही सब कुछ प्राप्त कर लेना चाहते हैं चाहे वे उनकी आयु के हिसाब से उसके योग्य न भी हों |

·       स्वस्थ विचारों व सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण किताबों का संकलन करें | जीवन में स्वयं पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है कि हम हमारे आसपास कुछ ऐसी कृतियों का संकलन करें जो हमें दिशा दे सके  और हमारे विचारों को स्वस्थ बनाये रखने में हमारी मदद कर सके |

·       सफल व्यक्तियों की जीवनी का अध्ययन करें | यह आपको सही मार्ग की ओर प्रस्थित करेगा | जीवन में कर्म और प्रयासों की भूमिका कितनी आवश्यक है इस बात को जानने के लिए महँ विभूतियों की जीवनी का आचमन अति आवश्यक है | यह हमें सही मार्ग का चयन कर सही दिशा की ओर प्रस्थित करने में हमारी मदद करेगा |

·       स्वयं पर नियंत्रण बनाए रखें व शांत रहने के लिए मैडिटेशन का सहारा अवश्य लें | योगा एवं आध्यात्म का सहारा लेकर ही हम स्वयं को सही दिशा की ओर ले जा सके हैं | यह हमारे मानसिक एवं शारीरिक स्थिरता के लिए अति आवश्यक है | तन है तो धन है इस बात से हम सब परिचित हैं |
·       स्वयं को शारीरिक व मानसिक  तौर पर स्वस्थ रखें | यह आपको ऊर्ज़ा प्रदान करेगा | इसके लिए आपके विचारों का स्वस्थ होना अति आवश्यक है | साथ ही आप सादा जीवन और उच्च विचार जैसे सिद्धांतों पर विशवास करें यह आपके लिए अति उत्तम होगा |

·       जिन्दगी में बड़ों का सम्मान हमेशा करें | व उनके आशीर्वाद से स्वयं को पोषित करें | कोई भी व्यक्ति बड़ों के आशीर्वाद के बिना एक पग भी नहीं चल सकता | इस बात को हम अपने जीवन में गाँठ बांधकर रख लें तो अच्छा होगा | आप आने वाली पीढ़ी में भी यही संस्कार विकसित करने का प्रयास करें |

·       धार्मिक व सामाजिक कार्यों में भी स्वयं को व्यस्त कर आप अपने भीतर सकारात्मक सोच का विस्तार कर सकते हैं | सामाजिक कार्य हमें केवल ख़ुशी नहीं देते अपितु वे हमारे भीतर कुछ अच्छा करते रहने की भावना को बल देते हैं | दुनिया को सुन्दर और जीवंत बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है हम धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों से स्वयं को पोषित करते रहें |

·       प्रेरणादायक विचारों का संग्रह अवश्य करें | जब भी आप अवसादग्रस्त हों इन विचारों का आचमन करें | आजकल के इस कष्ट और मुसीबतों से भरे दौर में आवश्यक है कि हम स्वयं को प्रेरणादायी विचारों से पोषित करते रहें | 

·       शॉर्टकट के बारे में अपने मन में विचार न आने दें | जिन्दगी में आगे बढ़ने का एक ही सरल और सफल माध्यम है कि आप जिन्दगी में सीढ़ियों को चढ़कर ही आगे बढ़ने का हौसला बनाए रखें | छोटे रास्ते से हासिल की गयी सफलता ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकती |

·       एक बार की असफलता को जीवन की अंतिम असफलता मानने की गलती न करें | जीवन बहुत ही मूल्यवान है आप स्वयं के लिए नहीं जीना चाहते तो आप दूसरों के हित स्वयं को समर्पित तो कर ही सकते हैं | जीवन से हार कभी न मानें | एक बार असफल होने से जिन्दगी समाप्त नहीं हो जाती | बार  - बार प्रयास करें आज नहीं तो कल सफलता आपके हाथ आएगी ही |

·       प्रेरणादायी वीडियोज का संग्रह करें | समय  - समय पर इन्हें देखें | इससे आपको ऊर्ज़ा प्राप्त होगी |

उपरोक्त बातों को यदि आप अपनी जिन्दगी का हिस्सा बना लेते हैं तो कोई भी आपको सफल होने से नहीं रोक सकता | और आप एक अच्छे इंसान भी बने रह सकते हैं | आपके सुनियोजित प्रयास आपके उद्देश्य की प्राप्ति का आधार तो बनेंगे ही साथ ही आप दूसरों की जिन्दगी में यदि उपयोगी साबित हो सकते हैं दूसरों की मदद करके |

                           आपके सुनियोजित प्रयास आपकी सफलता का पर्याय हो जाएँ ऐसी हमारी शुभ इच्छा है | सुनियोजित तरीके से किया गया कोई भी कार्य असफल नहीं होता और हमेशा अपेक्षित परिणाम ही देता है |

       इस लेख को पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया |
                          



Thursday 15 September 2016

जीवन में “ चयन “ की भूमिका जीवन के उत्कर्ष और अवनति का मापदंड द्वारा अनिल कुमार गुप्ता पुस्तकालय अध्यक्ष केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का

जीवन में “ चयन “ की भूमिका
जीवन के उत्कर्ष और अवनति का मापदंड

द्वारा

अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का

जीवन में चयन , मानव की स्वयं की सोच का परिणाम का परिणाम है |   जिसकी जैसी  अभिलाषा , आकांक्षा , उसी के अनुरूप मार्ग का चयन | कभी – कभी अभिलाषा या आकांक्षा सकारात्मक सोच का परिणाम होती है तो कभी नकारात्मक सोच का परिणाम | अर्थात मंजिल या उद्देश्य की प्राप्ति का मार्ग हमेशा सकारात्मक सोच के माध्यम से गुजरे ,यह आवश्यक नहीं | “शॉर्टकट” यह आज की पीढ़ी का अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने का सबसे सरल व सुगम उपाय बनकर सामने आया है |  यह आज की युवा पीढ़ी के “चयन “ का परिणाम है जो उसे कुमार्ग की ओर धकेल रहा है |

                  भगवान् कृष्ण स्वयं कर्ण को उपदेश देते हुए कहते हैं कि हे सूर्यपुत्र कर्ण तेरे जीवन के अंत की जो परिणति है वह तेरे “चयन” का परिणाम है | परमात्मा किसी व्यक्ति का चयन नहीं करता | मनुष्य यदि परमात्मा का चयन कर उसे प्राप्त करने का प्रयास करता है तो वह केवल और केवल सत्मार्ग की ओर मुखरित होता है उसे कोई भटका नहीं सकता | वह स्वयं का उद्धार करने में सक्षम हो जाता है | अर्थात यदि तूने मेरा “चयन” किया होता तो तू आज अधर्मी दुर्योधन के साथ युद्ध में खड़ा नहीं होता |

            जीवन का सफल होना या नहीं होना “ चयन “ का परिणाम है | चयन ऐसा हो जो जीवन के लक्ष्य की पूर्ति का आधार हो सके न कि ले चले अवनति की ओर | मनुष्य को चाहिए कि वह “चयन” जो कि एक ऐसी स्थिति है जहां मनुष्य के जीवन का हर पल इस प्रक्रिया से होकर गुजरता है | हर पल हर क्षण परिस्थिति अनुसार “चयन” करना ताकि कुछ ऐसा हो सके जो हमें दिशा दे सके | सत्मार्ग पर ले जा सके | यह तभी संभव है जब “चयन” की प्रक्रिया के समय आपका मन स्थिर हो , सकारात्मक सोच से परिपूर्ण हो | क्योंकि मन जो प्राप्त करता है उसी विचार को प्रतिफल के रूप में उत्सर्जित करता है | जैसे विचार आप अपने मन मस्तिस्क में पिरोते जाते हैं उसी के प्रतिफल के रूप में आपको वैसे ही परिणाम प्राप्त होते हैं |

                  इस विषय में यदि बारीकी से देखा जाए तो माता – पिता बच्चों के जीवन में विशेष भूमिका निभा सकते हैं | वे स्वयं उन मार्गो का चयन करें जो बच्चे के जीवन में संस्कार बन उसे प्रफुल्लित कर सके | माता – पिता बच्चों को सही और गलत का भेद बताने में यदि सफल हो जाते हैं तो समझो बच्चों के जीवन में “चयन” की प्रक्रिया के दौरान कोई भी परेशानी नहीं होगी | बच्चों को यह बताया जाए कि हमारा जीवन उस परमात्मा की देन है और वही हमारा पालनहार है | हमें ही वह मुसीबतों से बचाता है | अतः हम अपने जीवन में सबसे पहले “परमात्मा “ को स्थान दें जो हमारे जीवन को सही दिशा की ओर ले जाने में हमारी मदद करे | हम उस परमात्मा और उसके बन्दों के प्रति सद्भावना बनाए रखें तो हमारा जीवन सफल हो  सकता है |

                        जीवन को एक सफल चयन की प्रक्रिया से गुजारने के लिए आवश्यक है कि हम उन चरित्रों के जीवन का आंकलन करें जिन्होंने सकारात्मक सोच के साथ उस मार्ग का चयन किया जिसने उन्हें समाज में एक सुधारक, विचारक, शिक्षाविद, सफल चरित्र, एक सफल सामाजिक कार्यकर्ता, दार्शनिक आदि के रूप में स्थापित करने में  उनकी मदद की | ऐसा क्या अलग उनका “चयन” रहा जिसने उन्हें दूसरों की निगाहों में आदर्श चरित्र के रूप में स्थापित किया |  बच्चों के मन में बचपन से ही ऐसे चरित्रों के प्रति सकारात्मक सोच का विस्तार करना जरूरी है | जो उन्हें अपने भविष्य को, अपने चरित्र को सुदृढ़ करने में उनकी मदद करे | बच्चों के भीतर एक ऐसी सोच का विस्तार करना होगा जिसके माध्यम से बच्चे यह समझ जाएँ कि जीवन एक अमूल्य धरोहर है जिसे किसी भी परिस्थिति में बचाकर रखना आवश्यक है और समाज हित, देश  हित, धर्म हित उसका उपयोग  करना है |

                        जीवन में “ सत्य “ का चयन करें | स्वयं को सकारात्मक सोच से ओतप्रोत बनाए रखें ताकि आप सत्मार्ग पर चलते हुए स्वयं को तो जीवंत बना ही सकते हैं साथ ही आप दूसरों के जीवन को भी दिशा दे सकते हैं आदर्श चरित्र बनकर | समाज का कल्याण व राष्ट्र का हित इन्हीं आदर्श चरित्रों पर निर्भर होता है जो अपने कार्यों से, प्रयासों से समाज को , धर्म को, संस्कृति व संस्कारों को दिशा देकर स्वस्थ समाज की स्थापना में अपना योगदान दे सकते हैं |

                        आपसे अनुरोध है कि आप “ चयन “ के समय सकारात्मक सोच के साथ निर्णय लें और अपने जीवन को संवारें |



Saturday 10 September 2016

Present Library Scenario - as on 01.09.2016




























Library Reader Club Members Honour - 2016-17


Hitesh - VI 


Archna Suthar - VI


Navdeep - VII


Neha - VII


Ayush Gupta - VIII



Muskan - VIII


Amandeep - IX


Anureet - IX 



Siddharth Miglani - X


Reetika Sharma - X



Library Club Members honour - 2016-17


Mohitpreet- VI


Anish kaur - VI



Abhishek - VII



Simran - VII



Karanveer - VIII



Deepak - VIII



Anmolpreet - IX 



Vineeta - IX 



Sukhpreet - X 



Kirtika Gupta - X