Tuesday 24 September 2013

केंद्रीय विद्यालय संगठन अनेकता में एकता का प्रतीक एवं संस्कृति का प्रचारक


केंद्रीय विद्यालय संगठन अनेकता में एकता का प्रतीक एवं संस्कृति का प्रचारक  


द्वारा :- अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केन्द्रीय विद्यालय बी एस एफ
रामपुरा ( फाजिल्का )
    
        

    केंद्रीय विद्यालय संगठन देश का एक प्रमुख संगठन है जो कि सम्पूर्ण भारत में करीब 1100 विद्यालयों के माध्यम से विद्यालय स्तर पर शिक्षा सुविधा (प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकेंडरी ) प्रदान कर रहा है |
1965 में इस संगठन की स्थापना हुई थी यह संगठन केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी यह शिक्षा प्रदान कर रहा है | 31.03.2013 की स्थिति के अनुसार आज केंद्रीय विद्यालय संगठन में करीब 11,21,012 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं और करीब 56445 ( दिनांक 01.10.2012 ) कर्मचारी सेवारत हैं | इस संगठन में बच्चों में शैक्षिक श्रेष्ठ्ता, भारतीयता की भावना , राष्ट्रीय एकता और समग्र व्यक्तित्व के विकास के अवसर उपलब्ध होते हैं | ये विद्यालय प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ्ता के केंद्र के रूप में जाने जाते हैं |
केंद्रीय विद्यालय का मिशन :-
                              केंद्रीय विद्यालय मुख्यतया चार मिशन के साथ आगे बढ़ रहा है :-
1.     केंद्रीय सरकार के स्थानान्तरणीय कर्मचारियों जिनमे रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों के कर्मी भी शामिल है , के बच्चों को शिक्षा के सामान्य कार्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना |
2.     विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ्ता और गति निर्धारित करना |
3.     केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी बी एस ई ) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् ( एन सी ई आर टी ) इत्यादि जैसे अन्य  निकायों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए – नए प्रयोग तथा नवाचार को सम्मिलित करना |
4.     बच्चों में राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना का विकास करना |

केंद्रीय विद्यालय का उद्देश्य :-
१.      केंद्रीय सरकार के स्थानान्तरणीय  कर्मचारियों जिनमे रक्षा तथा
 अर्धसैनिक बलों के कर्मी भी शामिल है , के बच्चों को शिक्षा के सामान्य कार्यक्रम के तहत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करना |
२.      विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ्ता और गति निर्धारित करना |
३.      केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी बी एस ई ) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् ( एन सी ई आर टी ) इत्यादि जैसे अन्य  निकायों के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नए – नए प्रयोग तथा नवाचार को सम्मिलित करना |
४.     बच्चों में राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना का विकास करना |
केंद्रीय विद्यालय की प्रमुख विशेषतायें :-
१.     सभी केंद्रीय विद्यालयों में सामान पाठ्यक्रम तथा द्विभाषी माध्यम से शिक्षण |
२.     सभी केंद्रीय विद्यालय सी बी एस ई से सम्बंधित हैं |
३.     सभी केंद्रीय विद्यालय सः शिक्षा व मिश्रित विद्यालय हैं |
४.     सभी केन्द्रिय विद्यालय में कक्षा छः से आठ तक संस्कृत पढ़ाई जाती है |
५.     समुचित शिक्षक विद्यार्थी अनुपात द्वारा शिक्षण की गुणवत्ता को उच्च रखा जाता है |
केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा वर्ष भर संपन्न की जाने वाली शैक्षिकीय एवं गैर – शिक्षकीय गतिविधियाँ :-
केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा वर्ष भर विभिन्न शैक्षिक एवं गैर – शिक्षकीय गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं जो इस प्रकार हैं :-
१.     सामजिक विज्ञान विषय पर प्रदर्शनी ( क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर )
२.     विज्ञान विषय पर प्रदर्शनी ( क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर )
३.     गणित विषय पर ओलिंपियाड
४.     स्काउट एवं गाइड्स कैंप ( तृतीय सोपान , राज्य पुरस्कार एवं राष्ट्रीय पुरस्कार )
५.     साहसिक कैंप ( राष्ट्रीय साहसिक संस्थान , पचमढ़ी )
६.     यूथ पार्लियामेंट ( युवा संसद )
७.     सेवा काल के दौरान कार्यशाला , इन – सर्विस कोर्सेज
८.     ई – ग्रंथालय पर विशेष कार्यशाला
९.     सी सी ई विषय पर कार्यशाला
१०.पुरातत्व एवं सांस्कृतिक ,धार्मिक स्थलों का भ्रमण |

केंद्रीय विद्यालय संगठन अनेकता में एकता का प्रतीक है
                                                            केंद्रीय विद्यालय संगठन की सबसे मुख्या विशेषता इसके पाठ्यक्रम के संचालन में है | वार्षिक गतिविधियों को इस तरह से तैयार किया जाता है जिससे साल भर बच्चों को नयी – नयी जानकारी एवं गतिविधियों की पूर्ण जानकारी हो सके एवं वे इन गतिविधियों में पूरे उत्साह के साथ भाग ले सकें | केंद्रीय विद्यालय में आयोजित की जाने वाली गतिविधियाँ बच्चों की उम्र व योग्यता के हिसाब से तैयार की जाती हैं ताकि सभी बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा – पूरा अवसर मिल सके |
                              इस संगठन में जो मुख्य बात निकल कर हमारे सामने आती है वो है यहाँ के शिक्षकों की योग्यता एवं उनकी  अन्य विशेषतायें जो उनको दूसरे संस्थानों से अलग करती है | केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों में केवल शिक्षण प्रक्रिया के प्रति ही रुचि नहीं होती बल्कि वे अन्य क्षेत्रों में भी अपनी पैठ रखते हैं जैसे स्काउट एवं गाइड्स, साहसिक कार्यक्रम , सांस्कृतिक गतिविधियाँ , विभिन्न आयोजित की जाने वालीं प्रतियोगितायें जैसे मैथ ओलिंपियाड , साइंस कांग्रेस , यूथ पार्लियामेंट , स्पोर्ट्स एंड गेम्स , समय – समय पर आयोजित किये जाने वाले इन –सर्विस कोर्सेज , वोर्क्शोप्स , कंप्यूटर से सम्बंधित कोर्सेज एवं वोर्क्शोप्स इत्यादि – इत्यादि |
                              केंद्रीय विद्यालय संगठन समय – समय पर शिक्षकों एवं बच्चों को प्रोत्साहित करने का प्रयास करता रहता है | इसके लिए समय – समय पर पुरस्कारों की घोषणा की जाती है जैसे क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर एवं राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कारों की घोषणा | इसके अलावा मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के माध्यम से भी शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की भी व्यवस्था है |
                              अलग – अलग प्रान्तों, धर्म , जाति , वंश , संस्कृति एवं संस्कारों के बच्चे केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश लेते हैं जिससे विद्यालय में विभिन्न समुदायों एवं संस्कृति के बच्चों के बीच तालमेल बैठाने का प्रयास किया जाता है एवं उन्हें एक – दूसरे के धर्म के प्रति लगाव एवं सम्मान की भावना का विकास किया जाता है | बच्चों को इस तरह से सभी धर्मों के प्रति एवं उनके व्यवहार , खान – पान , वेशभूषा , रहन – सहन की जानकारी प्राप्त होती है |

                              केंद्रीय विद्यालय संगठन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत संस्था है | यह सी बी एस ई के पाठ्यक्रम को उनके द्वारा दिए जाने वाले निर्देशों के अनुरूप शिक्षा पद्धति एवं पाठ्यक्रम में समय – समय पर बदलाव करती है | यह साथ ही साथ एन सी ई आर टी के निर्देशों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करती है | के वी एस उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्रणाली के क्षेत्र में एकमात्र ऐसी संस्था है जो बिना किसी भेदभाव के , बिना किसी जातिगत , धर्म , लिंग , वंश भेदभाव किये सभी विद्यार्थियों को प्रवेश देती है | भारत में मनाये जाने वाले सभी राष्ट्रीय एवं धार्मिक त्योहारों को के वी एस ने अपनी शिक्षा प्रणाली का ख़ास हिस्सा बनाया है |
                              के वी एस ने प्रवेश की एक विशेष नीति अपनाई है जिसमे भारतीय संविधान का पूरा – पूरा सम्मान करते हुए अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , पिछड़ा वर्ग , शारीरिक रूप से अक्षम विद्यार्थियों को भी प्रवेश दिया जाता है |निम्न आय के बच्चों के प्रवेश का भी विशेष व्यवस्था है |शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत भी बच्चों को प्रवेश की व्यवस्था है | के  वी एस का पाना वार्षिक कैलेंडर होता है जिसमे अप्रैल से लेकर मार्च तक होने वाली विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक , खेलकूद , शैक्षिक एवं अन्य गतिविधियों को स्थान दिया जाता है ताकि इनकी गतिविधियों में राष्ट्रिय स्तर पर समानता बनी रहे |
                              आज केंद्रीय विद्यालय संगठन के कुछ विद्यालय विदेशों में भी स्थापित हैं | के वी एस परीक्षा परिणामों के क्षेत्र में भी अपना विशेष स्थान रखता है | आज के वी एस के 1000 से भी ज्यादा विद्यालय हैं जहां आधनिक शिक्षा मानकों के हिसाब से आधुनिक उपकरणों की सहायता से शिक्षण कार्य किया जाता है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके | के वी एस में आज लाखों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं यह इस बात का सूचक है कि के वी एस में किसी भी प्रकार के धार्मिक एकता एवं सद्भावना को नुक्सान पहुंचाने वाले विचारों को तरजीह नहीं दी जाती | साथ ही भरत के सभी प्रान्तों से शिक्षकों की नियुक्ति कर राष्ट्रिय एकता एवं अखंडता को मजबूत करने के पूर्ण प्रयास किये जाते हैं |शिक्षा के अधिकार संविधान का पूर्णतः पालन कर यह संस्था आज भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अग्रणी संस्था है |
        केंद्रीय विद्यालय संगठन का हमेशा यह प्रयास रहता है कि विद्यालय में ऐसी गतिविधियाँ की जायें जिससे विभिन्न धर्मों के धार्मिक विचारों एवं उपदेशों का पूर्ण एवं सही प्रचार – प्रसार हो सके | ऐसी ही भावनाओं को विकसित एवं पल्लवित करने के लिए विद्यालय के बच्चों को धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराया जाता है | महावीर जैन , गौतम बुद्ध , जीसस क्राइस्ट , गुरुनानक , हिन्दू धर्म  एवं मुस्लिम धर्म की मान्यताओं को व उनके विचारों को प्रचारित एवं प्रसारित करने का प्रयास किया जाता है |
संगठन का हमेशा यही प्रयास रहता है कि विद्यालय में बच्चों को सभी प्रकार के धार्मिक उपदेशों एवं आदर्शों पर पढने के लिए पुस्तकालय में किताबें उपलब्ध करवाई जायें  | जिसके माध्यम से बच्चों में अन्य दूसरे धर्मों के प्रति आदर की भावना जागृत  की जा सके | साथ ही बच्चों को क्षेत्रीय भाषाओं के लेखकों के द्वारा किये गए लेखन कार्य से अवगत कराया जा सके |
भारत स्काउट एवं गाइड्स के माध्यम से भी सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन कर सभी धर्मों की प्रार्थनाओं से बच्चों को परिचित कराया जाता है | साथ ही साथ सभी धर्मों के ग्रंथों को इस प्रार्थना सभा का साक्षी बनाया जाता है |
                  भारतीय संस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति भी बच्चों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है | वर्ष भर सभी धार्मिक त्योहारों को मनाकर साथ ही विभिन्न धार्मिक विभूतियों की जयंती मनाकर उन्हें सम्मानित किया जाता है एवं उनके विचारों को बच्चों के मन मस्तिस्क में स्थान देने का प्रयास किया जाता है |         
                                               
निष्कर्ष :-
                              अंत में हम यही कह सकते हैं कि के वी एस मानवतावादी , साम्प्रदायिक एकता व् अखंडता से ओतप्रोत एवं भारतीय संस्कृति के प्रचारक के रूप में कार्य कर रही है | विभिन्न प्रान्तों के रीति -  रिवाज , संस्कृति एवं सुविचारों को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रचारित करने का प्रयास किया जाता है |
                              आज भारत को ऐसी ही और शैक्षणिक संस्थाओं की आवश्यकता है जो संस्कृति व् संस्कारों का प्रचार – प्रसार कर सकें व भारत की एकता व अखंडता को मजबूत करने में अपना योगदान कर सकें |
                    जय भारत जय के वी एस




के वी एस पर कविता
                के वी एस  

के वी एस की महिमा, लगती निराली हमें
बांधती है अपनेबंधन में सबको |

इसकी पढ़ाई देती, सम्पूर्ण ज्ञान हमें
निखारती, सभी कलाएँ बच्चों में |

कभी बाल मेला ,कभी हाइक पर बच्चे
कभी पोलियो कैंप, कभी स्काउट कैंप |

कभी ट्रेनिंग कैंप, कभी करिएर गाईडेंस
बच्चों को ये, ट्रैकिंग पर ले जाते हैं |

कभी वाटर स्पोर्ट्स, कभी ओलम्पीआड
सभी खेलों की ,स्पोर्ट्स मीट ये कराते हैं |

शिक्षकों  की योग्यता  ,इनकी विधा से दिखे
बच्चों को ये, इंजीनियर, डाक्टर बनाते हैं |



कभी रिफ्रेशेर, कभी ट्रेनिंग कैंप
शिक्षकों को शिक्षा के, गुर ये सिखाते हैं |

नेता, अभिनेता ,सभी प्रकार के चरित्र
विद्यालय में ये ,रोज ही दिखाते हैं |

कराते हैं ये पार्लियामेंट ,स्कूल प्रांगण में
बच्चों में ये ,नेतृत्व की भावना जगाते हैं |

पुस्तकालय भी इनके होते हैं नंबर वन
जहां बच्चों को, ज्ञान का भण्डार मिल जाता है |

प्रोजेक्ट हो, या हो असाइनमेंट
क्षण भर में ,यहाँ पूरे हो जाते हैं |

ज्ञान का प्रसार ,करते  ये लाइब्रेरियन
ज्ञान के मसीहा के, रूप में जाने जाते हैं |


कम फीस, अच्छी सुविधा का वादा
राष्ट्रपति ,स्काउट- गाइड ये बनाते हैं |

ऊँची ऊँची बिल्डिंग ,खुला मैदान देखो
धरती पर स्वर्ग ,उतार ये लाये हैं |

शिक्षा पर शोध, यहाँ का नारा है
सारा विश्व , परिवार हमारा है |



धार्मिक एकता ,अखंडता उपरोपरि
साम्प्रदायिक एकता, उद्देश्य हमारा है |


बच्चे सहयोग करें, बाढ़ पीड़ितों के लिए
भूकंप पीड़ितों के लिए,  दंगा पीड़ितों के लिये |

समाज की सेवा करना ,यहाँ बच्चों को सिखाते हैं
राष्ट्र् समर्पण की ,भावना जगाते हैं |

के वी एस की महिमालगती निराली हमें
                  बांधती है अपने,  बंधन में सबको ||    



 कविता द्वारा :- अनिल कुमार गुप्ता
               पुस्तकालय अध्यक्ष
               केंद्रीय विद्यालय बी एस ऍफ़ रामपुरा
               फाजिल्का ( पंजाब )