अंतिम लक्ष्य अकेले पाना
अंतिम लक्ष्य,
अकेले पाना
अन्धकार से,
डर ना जाना
अविकार, अशंक
बढ़ो तुम
अविवेक का,
त्याग करो तुम
अविनाशी,
अविराम बढ़ो तुम
कर अचंभित,
राह गढ़ों तुम
आमोदित, आयास
करो तुम
निरंतर,
प्रयास करो तुम
आस्तिक बन,
आराधना करो तुम
शोभनीय कुछ,
काम करो तुम
अभिलाषा न,
ध्यान धरो तुम
अप्रिय से
नाता न जोड़ो
बन अनमोल,
कुछ नाम करो तुम
अन्यायी का
साथ न देना
अनुचित
शब्दों का साथ न लेना
अनमोल, अशोक
बनो तुम
अर्चना, अशुभ
से पल्ला झाडो
शुभ , शांत
व्यवहार करो तुम
अक्षय बन,
अच्छाई करो तुम
अवसान का,
ध्यान धरो तुम
अपजय से, दूर
रहो तुम
अंजुली अमृत,
पान करो तुम
अंतर जगा,
आरोह करो तुम
शुभ संकेत,
जीवन धरो तुम
जीवन का,
आधार बनो तुम
सत्य राह,
निर्मित करो तुम
अंतिम लक्ष्य,
अकेले पाना
अन्धकार से, डर
ना जाना
अविकार, अशंक
बढ़ो तुम
अविवेक का,
त्याग करो तुम |
अनिल कुमार गुप्ता
के वी पुस्तकालय अध्यक्ष
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