Wednesday, 16 September 2015

आओ हम हिंदी दीप जलायें - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता ( पुस्तकालय अध्यक्ष ) के वी फाजिल्का

आओ हम हिंदी दीप जलायें

आओ हम हिंदी दीप जलायें
चहुँ ओर रौशनी फैलायें

आओ हम हिंदी दीप जलायें

सभी भाषाओं को अपनाएँ
सभी के दिल पर हम छा जाएँ

आओ हम हिंदी दीप जलायें

हिंदी को भाषा एक बनायें
सारा विश्व इसे अपनाए

आओ हम हिंदी दीप जलायें

हिंदी में कुछ मंत्र बनाएं
विश्व मुग्ध हो इसे अपनाए

आओ हम हिंदी दीप जलायें

प्रेमचन, गुप्त, बच्चन का
साहित्य घर – घर तक पहुंचाएं

आओ हम हिंदी दीप जलायें

हिंदी संग्रह का अनुवाद
अन्य भाषाओं में करवाएं

आओ हम हिंदी दीप जलायें

हिंदी जगत की विभूतियों को
विश्व मंच पर लेकर आयें

आओ हम हिंदी दीप जलायें

हिंदी के सम्मान के लिए
अन्य भाषाओं को अपनाएँ

आओ हम हिंदी दीप जलायें

हिंदी एक दीपक की भांति
चहुँ ओर रौशनी फैलाएं

आओ हम हिंदी दीप जलायें

हिंदी के विस्तार से हम
संस्कृति को जीवन्त पायें

आओ हम हिंदी दीप जलायें


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