बात मेरी मान लो मेरे
प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
बात मेरी मान लो मेरे
प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
समय पर जागोगे समय पर
पढोगे तो अच्छे नम्बरों से पास हो जाओगे
माता पिता तुम्हारे
आशीर्वाद देंगे तुम्हें शहर में अपने तुम जाने जाओगे
बात मेरी मान लो मेरे
प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
समय पर जागोगे समय पर
खेलोगे तो तन और मन प्रसन्न हो जाएगा
जहां से भी निकलोगे
स्मार्ट दिखोगे तुम सारा जहां तुमको प्रिंसे बुलाएगा
बात मेरी मान लो मेरे
प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
अपने बड़ों का सम्मान
किया जो तुमने सारा जहां तुमको गले से लगाएगा
कर्त्तव्य की वादियों
में जो उतर जाओगे नाम के आगे टाइटल लग जाएगा
बात मेरी मान लो मेरे
प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
सत्य की वादियों में जो
उतर जाओगे तो जग में तुम्हारा नाम हो जाएगा
अपने गुरु का सम्मान किया जो तुमने सारा जग तुम्हारे अधीन हो जाएगा
बात मेरी मान लो मेरे
प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी
द्वारा :- अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय
फाजिल्का
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