Sunday 19 June 2016

विद्यार्थी जीवन में सफलता के मापदंड द्वारा अनिल कुमार गुप्ता पुस्तकालय अध्यक्ष केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का

विद्यार्थी जीवन में सफलता के मापदंड

द्वारा

अनिल कुमार गुप्ता

पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का

विद्यार्थी जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातें जो सफलता का मापदंड हो सकती हैं :-
1.   अपने सपनों को आकार दें और उसी दिशा में प्रयास करें |
2.   आप अपने सपनों को उचित और अनुचित के तराजू पर अवश्य तौलें |
3.   किसी को गिराकर आगे बढ़ने की बुरी प्रवृत्ति से बचें और हो सके तो इसे अपनी प्रतियोगिता का हिस्सा बनाएं |
4.   सपनों को साकार करने का मार्ग केवल नैतिक मूल्यों पर आधारित हों इसका अवश्य प्रयास करें |
5.   अपने सपने स्वयं निर्धारित करें दूसरों से प्रभावित न हों न ही दूसरों के सपनों को अपने सपनों का आधार बनाएं |
6.   आप जो जायज़ है और यदि आप उसे करना चाहते हैं तो जिन्दगी में एक बार अवश्य करके देखें इसके लिए दूसरों की बातों को ignore करें |
7.   “लोगों की परवाह “ , “ लोग क्या कहेंगे “ , “ लोग क्या सोचेंगे” की प्रवृति से ऊपर उठें और आगे बढ़ें |
8.   shortcut को अपने सपनों की राह में रोड़ा न बनने दें | एक – एक कर सीढ़ियाँ चढ़ें और लम्बी यात्रा के बाद मंजिल पाने की कल्पना का पूरा – पूरा आनंद उठायें |
9.   छोटे – छोटे अवसरों का लाभ उठायें | छोटी – छोटी उपलब्धियां आपको जीवन में बड़े मुकाम हासिल करने में आपकी मदद कर सकती है |
10.                     “ कुछ हटकर करें “ | सामान्य विषयों पर focus न कर कुछ ऐसा करें जो हटकर हो | ये आपको एक अलग मुकाम पर हासिल करने में मदद करेगा | 
11.                     “Evening कोर्सेज “ “ Night Classes “ में कुछ समय निकालकर छोटे – छोटे अंतराल के कुछ Courses अवश्य करें | जो कि आपको multifaceted personality बना सके | यह आपको बहुमुखी प्रतिभा का धनी बना सकता है |

12.                     किसी भी कार्य के प्रति समर्पण की भावना अवश्य रखें | पूर्ण समर्पण आपको सफलता दिला सकता है और आपके प्रयासों में चार चाँद लगा सकता है | और आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता |
13.                     अपने भीतर की प्रतिभा को जानें  अपने सपनों को पहचानें और उसी दिशा में बढ़ जाइए पूर्ण लगन, समर्पण और परिश्रम का साथ लिए |
14.                     बड़ों का सम्मान , उनके आशीर्वाद को अपने जीवन की धरोहर बनाएं | बड़ों का आशीर्वाद एवं शिक्षको के सम्मान को अपने संस्कार बनाएं |
15.                     “generation gap “ का गलत फायदा न उठायें | बड़ों , बुजुर्गों का अनुभव, उनकी जीवन के प्रति सोच, और आप युवा वर्ग को लेकर उनके मन में कई प्रकार की चिंताएं रहती  हैं | जिन्दगी को मज़ाक न बनाएं |
16.                     “ डर के बाद जीत “ इस प्रकार के slogans सुनने में अच्छे लगते हैं किन्तु डर को छोड़ , अनुभवहीन हो , अपनी जिन्दगी को मुश्किलों में न डालें | जिन्दगी मज़ाक नहीं है इसे seriously लें |
17.                     “ थोड़ा जियो खुल के जियो “ इसका मतलब यह बिलकुल नहीं कि सारे काम आज ही कर डालो चाहे उसके लिए आज का समय आपको इसकी इजाज़त देता हो या नहीं  | “ थोड़ा जियो दूसरों के लिए जियो “ यह स्लोगन काफी प्रभावी हो सकता है |
18.                     अपने धर्म , आस्था, संस्कार व संस्कृति पर अटूट विश्वास रखो | यह आपको सत्मार्ग की ओर प्रस्थित करेगा | आप कभी भटकोगे नहीं | यह आपके भीतर ऊर्जा का संचार करेगा | साथ ही आप दूसरों के धर्म का भी सम्मान करो |
19.                     मित्र और शत्रु में भेद करना सीखें | जो आपके जीवन को दिशा देने में आपकी मदद करे उसे ही अपना दोस्त बनाएं |
20.                     स्वयं को इतना परिपक्व करो कि कितनी भी विषम परिस्थिति आ जाए आप अपने आपको संभाल सकें और आने वाले भविष्य की ओर देख सकें |
21.                     अपने parents के प्रति आप loyal हों | क्योंकि आपके parents आपके बेहतर भविष्य को लेकर हमेशा चिंचित रहते हैं और वे ही आपके सबसे अच्छे और उपयुक्त शुभचिंतक हैं | उनकी भावनाओं का आप सम्मान करें |
22.                     “ Peer pressure “ को अपने जीवन का हिस्सा न बनने दें | सही राह चुनें , सही मार्ग पर चलें और मंजिल प्राप्त करें |
23.                     अपने सभी प्रयासों को एवं उनसे प्राप्त परिणामों को उस परमपूज्य परमात्मा को हमेशा समर्पित करो और यह सोचकर प्रयास करो कि मैं स्वयं कुछ नहीं कर रहा हूँ |
24.                     अपनी कोशिशों का आधार जगत कल्याण हो इस सोच के साथ प्रयास करो | जगत कल्याण ही स्वयं के कल्याण का उत्तम मार्ग है |
25.                     समाज हित , राष्ट्र हित को सर्वोपरि रख प्रयास करो |
26.                     स्वयं पर पूर्ण विश्वास रखो | आसपास के वातावरण से प्रभावित होने की आवश्यकता नहीं |
27.                     स्वयं को संयमित करते हुए आगे बढ़ें | प्रयास हो कि आप किसी दूसरे का अहित न करें |
28.                     अतिउत्साही होना घातक हो सकता है | छोटी – छोटी उपलब्धियों को सहेजें न की अभिमानी हो जाएँ |
29.                     आप बेहतर कर सकते हैं यहाँ तक तो ठीक है किन्तु आपसे बेहतर करने वाले भी आपके  आसपास हैं इसका ध्यान अवश्य रखें |
30.                     अपनी समस्याओं के समाधान हेतु सही व्यक्तियों का चुनाव पहले से ही सोचकर रखें ताकि समस्या के समाधान हेतु ज्यादा समय न ख़र्च हो | आवश्यकता पड़ने पर दूसरों से मार्गदर्शन लेना आपके लिए हितकर हो सकता है |
            उपरोक्त सभी बातें आपके भावी जीवन को बहुत दूर तक प्रभावित करती हैं | एक बार इन्हें पढ़ें और अपने जीवन का हिस्सा बनाकर देखें | मंजिल आपके कदम चूमेगी |


1 comment:

  1. प्रभावी लेख मिस्टर गुप्ता |

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