Sunday 2 December 2012

तिमिर पथगामी तुम बनो ना


तिमिर पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन तुम भटको ना
अहंकार पथ तुम चरण धरो ना
लालसा में तुम उलझो ना
तिमिर पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन तुम भटको ना
अंधकार में तुम झांको ना
अनल मार्ग तुम धारो ना
निशिचर बन तुम जियो ना
कुटिल विचार तुम मन धारो ना
तिमिर पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन तुम भटको ना
कल्पवृक्ष बन जीवन जीना
शशांक सा तुम शीतल होना
अमृत सी तुम वाणी रखना
अम्बर सा विशाल बनो ना
तिमिर पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन तुम भटको ना
किंचिं सा भी तुम दरों ना
घबराहट को मन में पालो ना
क्लेश वेदना सब त्यागो तुम
पुष्कर सा तुम पावन हो ना
तिमिर पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन तुम भटको ना
द्रव्य वासना तुम उलझो  ना 
दुर्जन सा हठ तुम पालो ना
सुरसरि सा तुम्हारा जीवन हो ना
पावन निर्मल मार्ग बनो तुम
चीर तिमिर प्रकाश बनो तुम
अलंकार उत्कर्ष वरो तुम
तिमिर पथगामी तुम बनो ना
कानन जीवन तुम भटको ना



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