आत्म विश्वास कैसे बढ़ायें ?
द्वारा
अनिल
कुमार गुप्ता
एम
कॉम , एम ए ( अर्थशास्त्र एवं अंग्रेजी साहित्य ),
एम.लिब.आई.एस.सी., डी .सी.ए .,एच.डब्लू .बी
.(स्काउट्स)
पुस्तकालय
अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का
भूमिका:- जीवन में सफल होना , एक ख़ास मुकाम हासिल करना
, अपने सपने साकार करना प्रत्येक व्यक्ति की चाह होती है | पर यह सफलता क्या आसानी
से प्राप्त हो जाती है या फिर इसके लिए कुछ विशेष प्रयासों की आवश्यकता होती है |
आत्म विश्वास बढाने हेतु कुछ विशेष प्रयास आवश्यक हैं | हम अपने आसपास बहुत से सफल
व्यक्तियों को देखते हैं ये कोई खिलाड़ी , कोई शिक्षक , कोई श्रेष्ठ फिल्मकार या
फिर कोई श्रेष्ठ वक्ता हो सकता है |
जरूरत इस
बात की है कि इन सफल व्यक्तियों में ऐसा ख़ास क्या है जो इन्हें दूसरों से अलग करता
है ऐसे कौन से प्रयास इन्होंने किये जो आज ये जीवन के शीर्ष मुकाम पर आसीन हैं |
आत्मविश्वास की प्राप्ति कई चरणों से गुजरने के बाद होती है | अपने भीतर की
छुपी हुई क्षमता व योग्यता को लगातार प्रयासों के पश्चात उसके उच्चतम मुकाम तक ले
जाना आत्मविश्वास की पूर्णता को व्यक्त करता है |
आत्मविश्वास
बढाने के लिए हमें जिन चरणों से गुजरना पड़ता है वे कुछ इस प्रकार हैं :-
१. स्वयं
के भीतर विद्यमान अच्छाइयों एवं योग्यताओं को खोजें :- आत्म् विश्वास प्राप्ति की प्रथम सीढ़ी
स्वयं में विद्यमान ऐसी योग्यता है जिसकी पहचान शायद आपको स्वयं को नहीं होती | इस हेतु आप अपने दोस्तों ,
शिक्षकों या फिर किसी मार्गदर्शक के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं | कई बार हम
पाते हैं कि लोग हमारे दैनिक कार्यकलापों के आधार पर भविष्य में क्या बन सकते हैं
इस ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं | यदि आपके साथ ऐसा होता है तो आप कोशिश करैं
कि वाकई में ऐसा है , यदि हाँ तो उसी दिशा में बढ़ने का प्रयास करैं |
२. किसी
एक भूमिका में अपने आपको स्थापित करैं :- आत्म विश्वास की राह में समस्या तब आती है जब हाँ अपने
आपको पहचान नहीं पाते और जीवन में नयी – नयी राहें खोजने लगते हैं | अपना बहुमूल्य
समय इसमें बर्बाद तो करते ही हैं साथ ही किसी एक उद्देश्य की प्राप्ति की ओर ध्यान
नहीं दे पाते | इस हेतु आपको चाहिए कि आप स्वयं को एक ही विशेष भूमिका में स्थापित
करैं और इस तरह स्थापित ताकि आपकी उपस्थिति भीड़ में भी आपको दूसरों से अलग करे |
आपके व्यक्तित्व को सभी की आँखों का आकर्षण प्राप्त हो |
३. गलतियों
से कुछ सीखें , घबरायें नहीं :- यह साधारण सी बात है कि जीवन में सफल होने के लिए आत्म
विश्वासी बनाने की राह में कई मुश्किलें आएँगी और हो सकता है कि इस दौरान आप से
कुछ गलतियां भी हो जायें पर इन गलतियों से आपको घबराना नहीं है अपितु इन गलतियों
से आपको क्या सबक या सीख मिली साथ ही भविष्य में ऐसी गलतियां दुबारा न हों इसके
प्रयास होने चाहिए | निराश न होकर इसे एक चुनौती मानें और आत्म विश्वास प्राप्ति
की राह में अग्रसर हों |
४. मन
में पालें कि आपमें आत्म विश्वास है :- किसी भी कार्य को करने से पूर्व यह आवश्यक है कि मन में
पहले से ही इस विचारधारा को जन्म दें कि आपने जो कार्य अपने हाथ में लिया है उसमे
आप सफल होंगे ही | किसी भी प्रकार की निराशा को मन में न आने दें | आप विचलित न
हों और आत्म विश्वासी बन कार्य को अंजाम दें | आपको सफलता अवश्य ही मिलेगी इसमें
कोई शंका नहीं है |
५. अंग्रेजी
के प्रति अज्ञानता को अपनी कमजोरी न बनायें :- कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग यह
मानकर चलते हैं कि जीवन ए वे ही व्यक्ति सफल होते हैं जिन्हें अंग्रेजी का ज्ञान
होता है | किन्तु ऐसा नहीं है | विश्व में भाषागत आधार पर बहुत से साहित्यकार हुए
हैं जिन्होंने अपनी मात्रभाषा में लेखन कार्य कर अपने आपको विश्व मंच पर स्थापित
किया है | मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में भी लोग अपने आपको राष्ट्रिय स्तर व
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर चुके हैं उदाहरण के लिए हरिवंश राय बच्चन ,
प्रेमचंद , महादेवी वर्मा इत्यादि – इत्यादि |
६. जिन
कारणों से आपका आत्म विश्वास प्रभावित होता है उसे चुनौती मानिए :- यह पाया गया है कि कई बार हम किन्हीं
वजहों से आत्म विश्वास प्राप्त नहीं कर पाते और यह मानकर चलते हैं कि शायद मैं
इससे लड़ नहीं सकता और अपने आत्म विश्वास को प्राप्त नहीं कर सकता | ऐसी निराशा यदि
आपके मन में जगह करती है तो आप यह मानकर चलिए कि आप अपने आत्म विश्वास के चरम को प्राप्त नहीं कर सकते | और
यदि आप इन सब बातों को चुनौती की तरह स्वीकार करते हैं और मन में यह विचार लाते
हैं कि कुछ भी हो मैं इन सभी समस्याओं से बाहर आ सकता हूँ तो सच मानिए ऐसा ही होगा
और पुनः आप अपना आत्म विश्वास प्राप्त कर लेंगे | प्रयास करके देखिये |
७. अपनी
उपलब्धियों पर गौर फरमाइए :- यह बहुत आवश्यक है कि जीवन में मिल रही उपलब्धियों की
ओर ध्यान दिया जाए और यह मूल्यांकन किया जाए कि किन कारणों या प्रयासों से आपको यह
उपलब्धियां प्राप्त हो रही हैं | आपकी उपलब्धियों के आकलन पश्चात आप पायेंगे कि ये
आपके आत्म विश्वास का परिणाम है और हो सकता है आप इसी दिशा में आगे बढ़ अपनी मंजिल
को प्राप्त करैं | अपने आपको समाज में स्थापित करैं | उपलब्धियां मनुष्य को आगे की
ओर बढ़ने के प्रेरित करती हैं | छोटी – छोटी उपलब्धियां धीरे – धीरे बड़ी उपलब्धियों
में परिणित हो जाती हैं और सफलता का आधार बन जाती हैं |
८. आपके
कपड़ों या ड्रेस का चुनाव सही होना चाहिए:- कहते हैं कपड़ों या ड्रेस का हमारे
व्यक्तित्व पर विशेष प्रभाव पड़ता है | इसके लिए चाहिए कि आपके भीतर यह कला
विद्यमान हो कि एक भीड़ वाली जगह में आप अपने आपको अलग किस प्रकार से दिखाते हैं |
कहावत है कि खाओ अपनी पसाद का , पर पहनो दूसरों की पसंद का | कपड़ों का चुनाव एवं
उसे पहनने का तरीका भी एक प्रकार की कला है | इस कला के जरिये आप अपने व्यक्तित्व
पर चार चाँद लगा सकते हैं | आप सफल हो सकते हैं , लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर
सकते हैं | इसके लिए नित नए प्रयूग करैं व उन प्रयोगों में से कुछ को चुनें जिन पर
आपको समय – असमय तारीफ़ व प्रशंसा प्राप्त हुई हो | असके बाद देखिये हर जगह आपकी
उपस्थिति गरिमामय बन जायेगी |
९. अपना
व्यवहारिक ज्ञान बढ़ायें :- आत्म विश्वास बढ़ाने का एक और अचूक साधन है
आपके द्वारा जो ज्ञान अर्जित किया गया है उन्हें केवल सैद्धांतिक आधार तक सीमित न
रखें उसे व्यवहारिक बनायें | आपके सैद्धांतिक रूप से प्राप्त किये गए ज्ञान को
दैनिक जीवन की गतिविधियों में इस्तेमाल करैं और देखें कि व्यवहारिकता में आप किस
हद तक सफल हो सकते हैं | आपकी सफलता दिन दूनी रात चौगुनी तरीके से आपके आत्म
विश्वास को बढ़ाएगा और आप किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे
| इसे भी आजमाकर देखिये|
110. .आत्म विश्वासी
बनने के लिए आवश्यक है कि आप बहुआयामी , बहुमुखीप्रतिभा से परिपूर्ण हों :- आत्म विश्वास प्राप्ति का एक और स्रोत है
कि आप बहुआयामी व बहुमुखी प्रतिभा के धनी
हों |आज के प्रतियोगी युग में आपके पास विभिन्न कार्यक्षेत्रों का तकनीकी
ज्ञान हो , साथ ही उसे पूरा करने में आप सक्षम हों | इस प्रकार की योग्यता आपके
एटीएम विश्वास को पुख्ता करती है और आप निश्चिंत हो किसी भी परिस्थिति के लिए अपने
आपको सचेत पाते हैं | आप कंप्यूटर में दक्षता के अलावा , सोशल नेटवर्किंग का ज्ञान
रखें , नेट की आपको आधारभूत जानकारी हो तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता |
उपसंहार :- अंत में मैं यही कहना चाहता हूँ कि जीवन
में सफल होने का मूल मन्त्र है आत्म विश्वासी होना न कि अतिआत्मविश्वासी होना |
अतिआत्म विश्वास से बचें | बार – बार मिल
रही सफलतायें कई बार व्यक्ति को अति आत्म विश्वासी बना देता है और यहीं से उसके
पतन के दिन शुरू हो जाते हैं | बार – बार
की सफलता के बाद भी अपने आपको धरातल पर रखने से आपकी सफलता की राह में कोई बाधा
नहीं आ सकती |
उपरोक्त
उपायों को आजमाइए और फिर देखिये आपके जीवन में नयी सुबह | इन्हीं शुभकामनाओं के साथ
..............................|
इस लेख को पढने के लिए आपका शुक्रिया
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