Monday, 10 February 2014

सफलता के मूल मंत्र

सफलता के मूल मंत्र

द्वारा

अनिल कुमार गुप्ता
                                          एम कॉम , एम ए ( अर्थशास्त्र एवं अंग्रेजी साहित्य ),
 एम.लिब.आई.एस.सी., डी .सी.ए .,एच.डब्लू .बी .(स्काउट्स)
                                                  पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का
भूमिका:- सफलता प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का वह चरम है जिसे वह किसी भी कीमत पर प्राप्त करना चाहता है | सफलता अर्थात सपनों का साकार होना , सफलता यानी मनचाही मंजिल मिलना , सफलता अर्थात जीवन में निश्चित किये गए उद्देश्य की प्राप्ति , सफलता यानी प्रयासों के अनुकूल परिणाम अर्थात एक ऐसी अवस्था जहां पहुंचकर व्यक्ति अपने आपको सुरक्षित महसूस करता है | वह यह मानकर चलता है कि इसके आगे कोई और आकाश या चरम के स्थिति नहीं होती |
                सफलता , प्रयासों को सही तरह से संचालित कर उन परिणामों की प्राप्ति की संकल्पना है जो हर एक व्यक्ति का जीवन लक्ष्य होता है | प्रयास सभी करते हैं किन्तु सभी सफल नहीं होते | इसकी मुख्य वजह प्रयासों में कहीं न कहीं कोई कमी या कुछ ऐसे कारण हो सकते हैं जो हर एक को जानने का अधिकार है |
                सफलता प्राप्त करने का रास्ता तीन मुख्य रास्तों से होकर गुजरता है ये तीन रास्ते हैं :- ज्ञान (नॉलेज ), क्षमता व ज्ञान का सही दिशा में प्रयोग अर्थात कार्यान्वयन अर्थात कार्य रूप में अपनी योग्यता व क्षमता की परिणति | वर्ष भर की मेहनत के पश्चात अंत में होने वाली परीक्षा में अपनी योग्यता व मेहनत को प्रमाणित करने का समय होता है | इसके परिणाम स्वरूप हमें हमारे प्रयासों की वास्तविकता का पता चल जाता है | यह पता हो जाता है कि हमने जो प्रयास किया वह किस स्तर का था और कहाँ कमी रह गयी | उसको दूर करने की युक्ति या उपायों की ओर हमारा मन मस्तिस्क कार्य करने लगता है यदि ये उपाय पूर्ण लगन के साथ किये जायें तो हम कह सकेंगे कि हम सफलता की ओर अग्रसर हैं |
                   आइये जानें कि सफलता कैसे प्राप्त की जा सकती है :        
१.     सही समय पर सही काम :- विद्यार्थी जीवन हो या नौकरी पेशा जीवन व्यतीत कर रहे हों यह आवश्यक हो जाता है कि सफल होने के लिए यह निश्चित करैं कि आपके द्वारा जिन कार्यों को पूर्ण करना है उनमे अतिआवश्यक कार्य कौन – कौन से हैं ? जो आपके बेहतर कल की संकल्पना से आपको रोमांचित कर सकते हैं | ऐसे कार्यों को प्राथमिकता प्रदान करैं व गैर जरूरी कार्यों को बाद में पूरा करैं | समय का प्रबंधन अर्थात कार्य के लिए समय का बटवारा कर अपने सभी विषयों पर ध्यान देकर अच्छा परिणाम प्राप्त करना एक विद्यार्थी का लक्ष्य होता है तो वहीँ दूसरी ओर अपने बॉस पर प्रभाव डालने के लिए आप अपने कार्यों की वरीयता सूची बनाकर उनको कार्यों को अंजाम दें और अग्रसर होते रहें तथा प्रशंसा व सम्मान प्राप्त करैं |
२.      विभिन्न विषयों के बारे में बेसिक जानकारी या आधारभूत जानकारी अवश्य प्राप्त करें  :- सफल होने का सबसे बड़ा अस्त्र है कि आप की शिक्षा की राह में जिन – जिन विषयों से आपको गुजरना पड़ता है उन विषयों की आधारभूत जानकारी आपको अवश्य हो ताकि कभी भी किसी भी परिस्थिति में आपको स्वयं पर भरोसा रहे और अनावश्यक रूप से आपका समय भी बेकार न हो | कई बार ये देखा गया है बेसिक जानकारी भी नहीं होने से कार्य को पूरा करने में समयाभाव की स्थिति पैदा हो जाती है चूंकि ज्यादा समय उस विषय को समझने में बेकार चला जाता है | अपनी विषयों पर सामान्य जानकारी को व्यापकता प्रदान करैं |
३.    व्यवहारिक बनाएँ या व्यवहारिक ज्ञान बढायें  :- आपके पास पहले से ही जो जानकारी या सूचना सैद्धांतिक रुप से विद्यमान है उसे आप कार्य रूप में परिणित करने का प्रयास अवश्य करैं | कहीं ऐसा न हो यह सैद्धांतिक ज्ञान अप पर बोझ बन जाए | चूंकि सफल होने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपनी क्षमता या योग्यता को कार्य रूप में परिणित कर अच्छे परिणाम प्राप्त करने की ओर अग्रसर हो सकते हैं |
४.     स्वयं के प्रयासों पर निर्भरता :- आज की युवा पीढ़ी की एक मुख्य समस्या है शॉर्टकट को अपनाना और इसके लिए वे स्वयं के प्रयासों की बजाय दूसरों के कन्धों के इस्तेमाल को महत्त्व देते हैं | दूसरों पर निर्भरता कम कर स्वयं को आत्म निर्भर बनायें | यह आत्म निर्भरता आपको शीर्ष मुकाम की ओर अग्रसर करती है | आप मौलिक हों , चिंतनशील हों | स्वयं के रास्ते ढूँढें और अलग ढंग से कार्य करने की क्षमता का विकास करैं |
५.     मन को स्थिरता दें , शंकाओं से विचलित न हों :- किसी भी कार्य को करने से महले मन में यह धारणा बनाकर चलें कि द्वारा जो प्रयास किये जाने हैं उसमे मुझे सफल होना ही है किन्तु कभी – कभी ऐसा होता है कि आसपास का वातावरण या आपकी सामाजिक परिस्थितियाँ आपके प्रयासों के बीच व्यवधान उत्पन्न कर देती हैं | इससे आपका प्रयास कहीं न कहीं प्रभावित होता है पर आपको चाहिए कि ऐसी परिस्थितियों को आप अपने ऊपर हावी न होने दें | और पूरी तरह से लगन से अपने कार्य को अंजाम दें | किसी भी प्रकार की शंका को मन में न आने दें और न ही आप विचलित हों | आपका विचलित होना आपके परिणामों को आपके प्रतिकूल ले जा सकता है | अतः सावधान रहें |
६.     मेहनत को सर्वोपरि समझें:- आज दुनिया बिल गेट्स , अम्बानी , गोयल , शिव खेड़ा जैसी महान हस्तियों को सफल मानती है | इसका कारण है उनकी लगन व मेहनत जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया | हमें चाहिए कि हम इन सफल लोगों से प्रेरणा लें और हमारे जीवन का लक्ष्य भी हमारी लगन व मेहनत का प्रतिफल हो ऐसी हमारी शुभकामना होनी चाहिए |
शोर्ट कट जिन्दगी के चरम का मार्ग नहीं होना चाहिए | शोर्ट कट मनुष्य को    उसके उद्देश्यों की प्राप्ति की राह में अवरोध उत्पन्न करता है | यह शोर्ट कट कई बार दूसरों के मार्ग में भी अवरोध उत्पन्न कर सकता है इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने प्रयासों को समझें और उसी के अनुसार कार्य पूर्ण करने के पीछे की मेहनत व समयावधि का आकलन पहले से कर लें | ताकि किसी और कार्य की ओर देखने की जरूरत भी न पड़े |
७.     आत्म संयमी बनें :- यहाँ मैं आपको बताना चाहूंगा कि मनुष्य को अपनी मंजिल खुद तय करनी चाहिए और जितना हो सके उसे स्वयं को इस प्रकार से तैयार करना चाहिए जिससे उसकी स्वयं पर आत्मनिर्भरता बढ़े | और वह आत्मनिर्भर हो सके | उसे दूसरों की ओर देखना न पड़े | इसके लिए हमें चाहिए कि हम अपने आपको प्रत्येक कोण से तैयार करैं हर परिस्थिति के लिए तैयार करें | कोई भी कार्य पूर्व नियोजित तरीके से करें | आत्मनिर्भरता सफलता का एक मुख्य मार्ग है अतः आत्मनिर्भर बनिए |
८.     पहले सोचें , योजना बनायें , फिर कार्यान्वित करें :- किसी भी सफल व्यक्ति की यह विशेषता होती है कि वह किसी भी कार्य को करने से पहले उससे सम्बंधित प्रक्रिया व परिणामों का पूरा – पूरा विश्लेषण करता है | इस विश्लेषण का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम परिणामों को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं | इसके बाद उस कार्य की रूपरेखा और अन्य विषयों की योजना बना लें | योजना बनाते समय हर एक दृष्टिकोण से अपने प्रयासों का गहन अध्ययन कर योजना बनाएं | बिना योजना के सफलता नामुमकिन है | जब योजना बनकर तैयार हो जाए तो उसके कार्यान्वयन को अंतिम रूप दें | अब आपकी सफलता की पूरी गारंटी है |
९. जोखिम को अपनी लक्ष्य प्राप्ति का अस्त्र बनाएं :- आपको चाहिए कि आप अपनी हार या असफलता को अपनी सफलता का आधार बनाएं और यह कोशिश करें कि जिन कारणों से आपको असफलता का सामना करना पड़ा है उन – उन कारणों पर आप विशेष ध्यान दें और आगे से कोशिश करें कि यह गलती दुबारा न हो और आप आगे अच्छे परिणाम प्राप्त करें | गलतियों से सीखीं न कि आप हतोत्साहित हों |
९.      पहले यह तय करो कि आप क्या करना चाहते हो :- आपकी कोशिशें तभी सफल होती हैं जब आपको यह पता हो कि आप जिन्दगी में क्या करना चाहते हैं फिर उसी के अनुसार आप अपना ध्यान केन्द्रित करें और सफलता की ओर अग्रसर हों |
१०.  आपकी अंदरूनी सामान्य योग्यताओं  व क्षमता को अपना मज़बूत पक्ष बनाएं :- सामान्य जानकारी यदि आपके पास सभी विषयों पर है तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता क्योंकि छोटी – छोटी जानकारी सभी विषयों पर होना आपके भीतर एक प्रकार का आत्मविश्वास पैदा करता है और आप बिना किसी अवरोध के आगे बढ़ सकते हैं |
११. सीखने की जिज्ञासा को अनवरत जारी रखें उसमे किसी प्रकार का विराम न आने दें :- कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती न ही सीखने की लालसा कम होनी चाहिये आप हमेशा कोशिश करें कि आपकी सीखने की जिज्ञासा अनवरत जारी रहे |
१२. बहुमुखी प्रतिभा से अपने आपको सुसज्जित करें :- आज के प्रतियोगितापूर्ण युग में आप केवल एक विषय पर जानकारी रख अपने आपको सफल नहीं बना सकते आपको चाहिए कि आप अलग – अलग विषयों पर छोटे – छोटे कोर्स करते रहें ताकि आपका सभी विषयों और अलग – अलग क्षत्रों में आपकी योग्यता बढती रहे | सफल होने के लिए अनिवार्य है कि अंप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हों | यह विशेषता आपको दूसरों से अलग करेगी |
१३. श्रेष्ठ वक्ता के गुण अपने भीतर पैदा करें :- आज एक और गुण अतिआवश्यक माना जाता है वह आप किस तरह से एक बड़ी सभा में अपने आपको अलग दिखाते हैं इसके लिए आपमें एक अच्छे वक्ता के सभी गुण विद्यमान होने चाहिए ताकि आप लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकें |
१४. अपने परिणामों का मूल्यांकन करना सीखें व कमजोर पक्ष से कुछ सीख लें:- जीवन में एक सफलता काफी नहीं होती यह आवश्यक है कि एक के बाद दूसरे सफल प्रयास की ओर आप अग्रसर हों और इसके लिए यह आवश्यक है कि आप समय – समय पर अपनी सफलताओं का मूल्यांकन करते रहें और नए – नए आयाम स्थापित करें |
१५. समय – समय पर होने वाले क्षेत्रीय या स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यशालाओं में भाग लें:- अपने ज्ञान और क्षमता को बढाने के लिए यह आवश्यक है कि आप आपके आसपास होने वाले क्षेत्रीय व स्थानीय स्तर की कार्यशालाओं का हिस्सा बनें और अपने आपको आज के समय के हिसाब से ढालें व अपने ज्ञान को अद्द्तन रखें |
१६. सफलता प्राप्ति के उपायों पर जानी मानी हस्तियों द्वारा लिखी गई पुस्तकें पढ़ें :- इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप यह जान पायेंगे कि जिन्होंने उच्च स्तर की सफलताएं अर्जित की हैं उन्होंने कौन से ऐसे प्रयास किये और उन प्रयासों को किस तरह से कार्यान्वित किया यह जान पायेंगे | यह आपके भीतर एक प्रकार से आत्मविश्वास जगायेगा |
१७. सफल व्यक्तियों की जीवन शैली का अध्ययन करने हेतु उनकी जीवनी पढ़ें :- सफल व्यक्तियों की जीवनी पढने से हमें उनके दैनिक जीवन से जुड़े ऐसे पलों की जानकारी मिलती है जिससे हम भी ऐसे प्रयास कर अपने दैनिक कार्यकलापों को अपनी आवश्यकता अनुरूप परिवर्तित कर सकते हैं | यह गतिविधि हमारे भीतर आत्मविश्वास जगाने का कार्य करेगी |
१८. छोटी – छोटी अवधि के पाठ्यक्रम पूर्ण करें और अपने आपको बहुआयामी बनाएं :- अपने आपको अद्द्तन बनाने और अपने विषय ज्ञान को बढाने के लिए आवश्यक है कि हम छोटे  – छोटे कोर्सेज करते रहें जो हमारे ज्ञान एवं योग्यता में वृद्धि कर सकें | यह बहुआयामी बनाने में हमारी काफी मदद करेगा |
१९. स्थानीय , क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर के सफलतम व्यक्तियों से मिलकर उनकी सफलता के राज जानिये |
२०. दूसरों के साथ वार्तालाप करें या विषय विशेषज्ञों का सहारा लें और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करें |
२१. स्थानीय , क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर के सेमिनारों में भाग लें |
२२. जीने की कला (आर्ट ऑफ़ लिविंग )  कैंप में जरूर भाग लें और अपनी जीवन शैली नियमित करें |हमारा दैनिक जीवन नियमित हो ऐसे प्रयास हमें अवश्य करने चाहिए |
२३. अंग्रेजी में सामान्य स्तर पर लेखन व वार्तालाप की योग्यता पैदा करें | इसके लिए अंग्रेजी की स्पोकन पर आधारित किताबें पढ़ें ये किताबें बहुत ही उपयोगी सिद्ध होती हैं |
२४. स्थानीय स्तर के सफलतम शिक्षाविदों से समय – समय पर मार्गदर्शन व सुझाव प्राप्त करते रहें |
२५.  लेखन में रूचि पैदा करें | लेखन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप किसी भी विषय पर अपनी आधारभूत जानकारी को पक्का कर सकते हैं और विषय के महत्त्व की आपको समझ हो जाती है |




उपसंहार :- अंत में हम यही कह सकते हैं कि जीवन में सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है जिसके लिए कोशिश करना बहुत जरूरी है और यह केवल हमारे प्रयासों से ही संभव है | बिना प्रयास कुछ भी संभव नहीं | ऊपर लिखी बातों में से यदि हम कुछ बातों को भी अपनी जिन्दगी में महत्त्व देते हैं तो हमारी सफलता निश्चित है | जरूरत इस बात की है कि हम अपने आसपास के स्रोतों का इस्तेमाल किस तरह से अपने आपको सफल बनाने के लिए करते हैं | एक बार इस केख को अवश्य पढ़िए और पूरी लगन के साथ पढ़िए आपको सफल होने के बहुत से राज़ मिल जायेंगे |


लेख पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया









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