Monday, 16 December 2013

केन्द्रीय विद्यालय संगठन :- एक कविता द्वारा :- अनिल कुमार गुप्ता , पुस्तकालय अध्यक्ष के वी फाजिल्का

केंद्रीय विद्यालय संगठन

के वी एस का शिक्षा में अपना ही मुकाम है
इस संस्था को विश्व में मिल रहा सम्मान है

इसकी शिक्षा पद्धति की बात ही निराली है                   
दुनिया में इस संगठन की छवि भी निराली है

शिक्षा के विकास का करता यह प्रयास है
इसके इसी विचार से बनता इतिहास है

भारतवासियों को जोड़ने का इसका उत्तम प्रयास है
ज्ञान के प्रसार का भी यह संगठन करता पूर्ण प्रयास है

गतिविधयों को संचालित करने का इसका ढंग भी निराला है
इसकी शिक्षा पद्धति ने बच्चों में संस्कृति व संस्कारों का बीज डाला है

के वी एस शिक्षा की पावन गंगा बहा रहा है
सारे विश्व में यह अपनी अनुपम छवि बना रहा है

के वे एस साम्प्रदायिक एकता का सर्वश्रेष्ठ विचारक है
सही मायनों में यह संस्कृति व संस्कारों का प्रचारक है

के वी एस तुमने सभी को शिक्षा का पाठ पढ़ाया है
तभी तो तुमने सभी के दिलों में एक कोना पाया है

के वी एस तुम यूं ही शिक्षा की पावन गंगा बहाए रखना
हो सके तो यह ज्योत हमेशा जलाए रखना

के वी एस तुमने बच्चों में संस्कृति व संस्कारों की नीव डाली है
इससे बन रही तुम्हारी छवि अनुपम व निराली है

के वी एस तुमने स्कूली शिक्षा में नए आयाम बनाए हैं
तुमने ही देश में लाखों इंजीनियर व डॉक्टर बनाए हैं

के वी एस स्कूली शिक्षा में नहीं कोई सानी है
यह बात सभी दार्शनिकों, शिक्षाविदों एवं विचारकों ने मानी है

के वी एस तुम यूं ही अग्रसर हो यह कामना है मेरी
तुम्हारी शिक्षा से सभी फलीभूत हों यह शुभकामना है मेरी

के वी एस तुमने बच्चों के मन में देश प्रेम को जगह दी है
तभी तो सबने तुम्हें स्कूली शिक्षा की सर्वश्रेष्ठ संस्था घोषित की है

के वी एस तुम यूं ही बालपन को संजोये रखना
इनके बाल मन में देश प्रेम की भावना पिरोये रखना

के वी एस तुम सम्पूर्ण और सवर्श्रेष्ठ हो
सभी शैक्षिक संस्थाओं में तुम सबसे ज्येष्ठ हो

के वी एस तुम सर्वोपरि आसन पर विराजमान हो
तुम्हारा हर – पल हर जगह मंगलगान हो

के वी एस आगोश में तुम्हारी बालपन पल रहा बढ़ रहा
कर रहा शिक्षा का आचमन आसमां को चूम रहा

के वी एस तुम शिक्षा का विस्तार हो
तुम भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ संस्कार हो

के वी एस तुम बादल बन शिक्षा रुपी बूंदें बरसा रहे हो
ये तुम्हारी महिमा का परिचायक है जो तुम नन्हे – नन्हे बच्चों को
शिक्षा रुपी वरदान का आचमन करा रहे हो

के वी एस तुम शिक्षा रुपी ज्योति से बालपन को रोशनी दिखा रहे हो
तभी तो तुम विश्व स्तर पर प्रसिद्धि पा रहे हो

के वी एस तुमने अपनी अनुपम शिक्षा प्रणाली से सभी को अचंभित किया है
साथ ही तुमने भारतीय संस्कृति व संस्कारों को प्रचारित किया है

के वी एस शिक्षा के क्षेत्र में तुम्हारा योगदान अद्वितीय, अनुपम व निराला है
साम्प्रदायिक एकता व राष्ट्रीय एकता को प्रचारित करने का तुम्हारा ढंग भी निराला है

द्वारा:-
अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का




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