Tuesday, 17 December 2013

बाबू की बाबूगिरी


                बाबू की बाबूगिरी  

बाबू शब्द सुनते ही हमारे जेहन में एक तस्वीर उभरती है | आँखों पर चढ़ा चश्मा इसमें से प्रश्नवाचक चिन्ह के साथ झांकती दो आंखें | इन आँखों के सामने आने से पहले हे हमारे मन में उथल पुथल सी चल रही होती है | बिल किस तरह से पूरा का पूरा पास हो जाए यह फ़िक्र हमेशा बनी रहती है | चूंकि हम आप सभी जानते हैं कि बाबू के पास एक घातक हथियार हमेशा तैयार रहता है जिसे हम लाल पेन कहते हैं | एक बार बाबू का लाल पेन चला कि फिर कोई भी सख्शियत उसके खिलाफ नहीं जा सकती |
          पेन से ही नहीं बाबू अंतर्मन से भी एक चिड़चिड़ी सख्शियत होता है | बिल पास करते समय उसके अंतर्मन में एक हे विचार आता है कि ये राशि  उसके ही जेब से दूसरे की जेब में ट्रान्सफर हो रही है |
              मेडिकल बिल हो , टी ऐ बिल हो , चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस बिल आया फिर कोई और क्लेम बिल | बाबू के पास बिल पास करने का तरीका हमेशा एक ही होता है | मेडिकल बिल हो तो यह देखा जाता है कि दवाइयों के रेपर प्रस्तुत किये गए या नहीं या फिर सरसरी निगाहों से यह जानने का प्रयास किया जाता है कि ये बिल वाकई सच की तस्वीर है या झूठ का पुलिंदा |
     टी ऐ बिल में काटछांट करना बाबू के लिए बेहद आसान काम है चालीस रुपये के ऑटो को बीस करना बाबू को अच्छी तरह से आता है | बाबू यह बखूबी जानता है कि एक शिक्षक एक दिन में एक सौ पचास रुपये खर्च नहीं कर सकता सो बिल प्रस्तुत किया या नहीं इस ओर उसका अटेंशन और भी बढ़ जाता है |
                     बाबू की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता जब वह चिल्ड्रेन अलाउंस का बिल अपने हाथ में ले लेता है यह वह बिल है जहां पग – पग पर हर लाइन में लाल में चलाने का बाबू को पूरा – पूरा हक़ होता है | बाबू के मन में आपके लिए जितने खुंदक भरी है यह इस बात से पता चलता है कि आपकी बिल में भरी वास्तविक राशि व डे राशि में कितना अंतर आ गया है बाबू तो शायद ये मानकर ही चलता है कि जो भी राशि वो पास करता है शायद उसके अपने खाजाने से ही जा रही है |
          ये तो बात हुई बाबू की बाबूगिरी की | अब जानिये बाबू को प्रसान्न करने के कुछ घरेलू आजमाए हुए नुस्खे | ये नुस्खे आपको शत प्रतिशत गारंटी देते हैं कि आप इन्हें अवश्य आजमाइए और बाबू की बाबूगिरी से मुक्ति पाइए | नुस्खे हैं बहुत हे आसान और कारगर | इन नुस्खों को आजमाने से पहले प्लानिंग करना अतिआवश्यक है कि बिल की राशि कितनी है जिसे पास करवाना है और साथ ही समय की उपलब्धता जिससे एक बाबू के कारण आपकी निजी व पारिवारिक जिन्दगी डिस्टर्ब ना हो | इसके बाद आप उन अवसरों की सूची बनाइये जिसके आधार पर आप समय – समय पर बाबू को प्रसन्न करने या तो उसके घर गिफ्ट के साथ जा सकें या फिर उसे अपने घर पर आमंत्रित कर सकें | मुख्यतया ये अवसर जन्मदिन, एनिवर्सरी या फिर कोई सामाजिक त्यौहार हो सकता है बाबू को प्रसन्न करने के लिए बाबू की पत्नी और बच्चों के लिए गिफ्ट समय – समय पर पेश करते रहें| पर एक बात हमेशा ध्यान में रखें हफ्ते - पंद्रह दिन की आड़ में कार्यालय आवर्स में बाबू को चाय का आचमन अवश्य कराते रहें इससे बाबूदेव हमेशा प्रसन्न रहेंगे और आपकी जिन्दगी पर बाबू की बाबूगिरी का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा और आप इस बाबू के बाबूग्रहण से हमेशा के लिए बचे रहेंगे |
          नुस्खे जरूर आजमाइएगा | बेस्ट ऑफ़ लक |

द्वारा :- अनिल कुमार गुप्ता
        पुस्तकालय अध्यक्ष
        केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का  
              

         
 

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