Thursday 26 December 2013

सचिन :- क्रिकेट का भगवान


सचिन  :- क्रिकेट का भगवान
सचिन क्रिकेट की एक विशिष्ट अनुभूति,
क्रिकेट का विस्तार है 

क्रिकेट जगत में मिला जिसे
प्यार अपार है 

ख्याति जिसकी विश्व में
बेशुमार है 

सादा जीवन जिसका
जिन्हें केवल क्रिकेट से प्यार है 

बच्चा – बच्चा, देश का  हर सपूत
उन्हें क्रिकेट का भगवान कहे 

सचिन , वो सख्शियत हैं जो
हर पल जरूरतमंदों के साथ रहे 

तुम्हारी लगन और समर्पण ने
तुम्हें क्रिकेट का मसीहा बनाया 

तुम्हारे अनुशासन और देशभक्तिपूर्ण विचारों ने
तुम्हें क्रिकेट सम्राट बनाया 

ये हम क्रिकेट के चाहने वालों की किस्मत है
जो हमने क्रिकेट के भगवान को अपने देश में पाया 

आपकी क्रिकेट भक्ति का जहां में नहीं कोई सानी है
इस दुनिया में आप क्रिकेट की पहली कहानी हैं 

आपके समर्पण से ही क्रिकेट
बालपन से युवावस्था में आया 

ऐसा क्रिकेट सम्राट हमने जहां में
कहीं नहीं पाया 

आप अद्वितीय हैं आप बेमिसाल हैं
आप जैसा इस धरा में 
दूसरा नहीं कोई लाल है 

आपने इस देश को क्रिकेट की
जो सौगात दी है
वह अविस्मरणीय है 

आपकी क्रिकेट कला के हम सब पुजारी हैं
क्रिकेट के हर महारथी के सामने आप पड़े भारी हैं 

क्रिकेट सचिन है , सचिन क्रिकेट है
आप करोड़ों दिलों की धडकन हैं 

आपसे ही क्रिकेट की सुबह और शाम है
आप मानवता के पुजारी हैं 

आप गुरुभक्ति के सबसे बड़े समर्थक हैं
आपकी कर्मठता , दूरदर्शिता ने
आपको इस धरा पर सितारा बना दिया 

आपके खेल ने हम सबको
आपका दीवाना बना दिया 

बड़े भाई के प्रति प्रेम
बच्चों के प्रति वात्सल्य
आपके व्यक्तित्व में झलकता है 

आपके नाम से गली – गली में
क्रिकेट का सूर्य उदय होता है 

सचिन तुम युवा पीढ़ी के
पथ प्रदर्शक हो गए 

संकल्पों की नीव , आदर्शों का
आधार हो गए 

तुमसे ही हर दिलों में
क्रिकेट जवान होता है 

तुमसे ही हर गली , हर मोहल्ले में
क्रिकेट पल्लवित व जीवंत होता है 

सचिन तुम बेमिसाल हो
कमाल हो , भारत की शान हो , क्रिकेट का ईमान हो 

सचिन तुम भारत के सच्चे सपूत हो गए
सचिन तुम हकीकत में भारत रत्न हो गए 

सचिन आप अनमोल रत्न हैं
आपसे विश्व में सम्मान पाता हमारा वतन है 

हे क्रिकेट के स्वामी , हे क्रिकेट के पालनहार
लिया है आपने हिन्दुस्तान में अवतार 

आपके ही प्रयासों का यह परिणाम है
आज सारे क्रिकेट के रिकॉर्ड आपके ही नाम हैं 

हे क्रिकेट विधाता . क्रिकेट आप से ही पूजा जाए
इस वतन में आप हर बार जन्म लें 

इसी तरह इस खेल और इस वतन को रोशन करें |

द्वारा :- अनिल कुमार गुप्ता 
        पुस्तकालय अध्यक्ष 
        केन्द्रीय विद्यालय फाजिल्का 






No comments:

Post a Comment