Sunday, 12 January 2014

हे युवा तुम अब तो जागो


हे युवा तुम अब तो जागो


हे युवा तुम अब तो जागो
हे शक्तिपुंज अब तो जागो 

नवयुग का अब तो सृजन करो
मनुष्यता का अब तो गठन करो 

करो अब तुम विश्व कल्याण
अपनाओ मन आध्यात्म ज्ञान 

निज हित को तुम परहित छोड़ो
आत्म तत्व से परिचय जोड़ो 

हे मानव शक्ति अब जागो
सत्य , शिवम् , सुन्दरम तुम धारो 

काम , क्रोध , मद , लोभ तुम छोड़ो
सामाजिकता से नाता जोड़ो 

भीतर के शत्रु को मारो
परहित जीवन को तुम तारो 

हे युगपुरुष अब तो जागो
देश हित तुम जीवन त्यागो 

करो नयी सुबह का फेरा
मुस्काये हर सुबह सवेरा 

राष्ट्र समर्पण अब तुम जागो
माँ धरती के तुम रखवालों 

हे संकल्प प्रिय अब तुम जागो
देश प्रेम की ज्योति जगा दो 

हे नवयुवक तुम अब जागो
इस धरणी को अब तो तारो 

माँ सलिला के चरण पखारो
जय सुरसरी , भागीरथी उचारो 

विश्व बंधुत्व का नारा देकर
सब धर्मों के मन्त्र उचारो 

हे युवा अब तो तुम जागो
हे शक्तिपुंज अब जागो 


अनिल कुमार गुप्ता , पुस्तकालय अध्यक्ष के वी फाजिल्का 

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