Monday 8 October 2012

हॉलीडे होमवर्क, अब और देर मत करो


हॉलीडे होमवर्क, अब और देर मत करो
वंदना अग्रवाल
छुट्टियां खत्म होने वाली हैं और तुमने अब तक हॉलीडे होमवर्क पूरा नहीं किया है। मम्मी जब डांटती हैं तो थोड़ी देर पढ़ते हो और फिर खेलने लग जाते हो। पर अब ऐसा नहीं चलेगा। यही वक्त है जिसमें तुम्हें होमवर्क पूरा करना है। जुलाई में तो स्कूल खुल ही जाएंगे। तो आज से ही जुट जाओ। इसे जल्दी से पूरा करने के टिप्स दे रही हैं वंदना अग्रवाल

सबसे पहले चैक करो कि किस सब्जेक्ट में क्या-क्या होमवर्क मिला था और तुमने उसमें कितना काम खत्म कर लिया है। जो काम रह गया है उसकी लिस्ट बना कर होमवर्क बुक पर लगा दो। इससे तुम्हें ध्यान रहेगा कि किस सब्जेक्ट को कितना समय देना है। इससे होमवर्क कंपलीट करने में आसानी रहेगी।

 इसके बाद जिस सब्जेक्ट में तुम्हारी रुचि हो, उसका होमवर्क पूरा करो। जैसे अगर तुम्हें साइंस अच्छी लगती है तो साइंस का प्रोजेक्ट पहले पूरा कर लो। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए जो सामान तुम्हें चाहिए उसकी लिस्ट पापा को दे दो, साथ ही आगे का प्रोसेस भी स्टार्ट कर दो। जैसे इस सिलसिले में जिन लोगों से मिलना है उनसे मिलो। डाटा इकट्ठा करने के लिए लाइब्रेरी जाओ, इंटरनेट सर्फ करो। फिर उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर अपना प्रोजेक्ट पूरा करो। प्रोजेक्ट पूरा करने में तुम बड़े भइया की मदद भी ले सकते हो। दोस्तों के साथ मिल कर भी प्रोजेक्ट बना सकते हो।

 साइंस के बाद मैथ्स का होमवर्क पूरा करने में जुट जाओ। इसके लिए सुबह का समय अच्छा रहता है। दिमाग एकदम फ्रेश होता है, इसलिए नाश्ता करने के बाद का समय मैथ्स को दो। रोज दो घंटे पढ़ाई करो। इसके बाद पूरा दिन तुम्हारा। दोपहर में घर में खेलो और शाम को गार्डन में। होमवर्क भी कंपलीट हो जाएगा और तुम खेल भी पाओगे।

 मैथ्स और साइंस के होमवर्क कंपलीट होने का मतलब है कि तुमने आधा किला फतह कर लिया। हिन्दी, इंग्लिश, हिस्ट्री तो मम्मी, दीदी की मदद से भी कर सकते हो। दिन में किसी भी समय इन्हें पढ़ो, पर मन लगा कर पढ़ना।

 सभी सब्जेक्ट का होमवर्क कंपलीट करने के बाद देखना, तुम खुद को कितना कॉन्फिडेंट महसूस करोगे। मम्मी-पापा भी खुश होंगे और मैम भी तुम्हें क्लास के होशियार बच्चों में गिनेंगी।
 ये टिप्स ट्राई करके देखो...

 होमवर्क करते समय टीवी बंद कर देना, नहीं तो तुम्हारा ध्यान भटकेगा और काम पूरा करने में ज्यादा समय लगेगा। म्यूजिक का शौक है तो धीमी आवाज में रेडियो चला सकते हो।
 होमवर्क पूरा करने के लिए जो समय निर्धारित करें, उससे 15 मिनट पहले अपने वर्क स्टेशन पर पहुंच कर सारी चीजें व्यवस्थित कर लेना।
 जो काम जिस दिन, जिस समय करना है, उसी समय पूरा करो। अभी कर लूंगा, थोड़ी देर में कर लूंगा, कह कर काम को कल के लिए टालना नहीं।
 अगर होमवर्क का कुछ पार्ट ऐसा है, जिसे आप खुद सॉल्व नहीं कर सकते, उसे पापा या भइया से समझना है तो होमवर्क शुरू करने से पहले दिन उसे पापा से समझ लेना। इससे समय बर्बाद नहीं होगा।
 होमवर्क करते समय हर एक घंटे बाद दस मिनट का ब्रेक ले सकते हो। इस दौरान कोई ड्रिंक या बिस्कुट खाना ठीक रहता है। 
 प्रोजेक्ट वर्क पर पूरा ध्यान दो। प्रोजेक्ट वर्क के दौरान तुम खेल-खेल में ऐसी जानकारियां पाते हो, जिनके बारे में तुम्हें पहले पता नहीं होता। यही नहीं, इससे तुम्हारी क्रिएटिविटी भी बढ़ती है।
 पढ़ते समय मन में कोई सवाल आए तो उसे पापा-मम्मी से पूछो। जैसे पढ़ते समय अगर लाल किले का जिक्र आए और उसे देखने का मन करे तो पापा के साथ देखने जाओ। इससे पढ़ाई भी हो जाएगी और एंटरटेनमेंट भी।
 किसी भी सब्जेक्ट को होमवर्क बोझ समझकर मत करना। उसे मन लगा कर पढ़ना और अच्छे से समझना। इस वक्त पढ़ा गया कोर्स भविष्य में भी काम आ सकता है। जैसे अगर तुम हिन्दी-इंग्लिश को सिर्फ कोर्स समझकर पढ़ने के बजाय मन लगा कर पढ़ते हो।
 ग्रामर पर ध्यान देते हो तो इन पर तुम्हारी पकड़ मजबूत होगी।
 भाषा पर यह पकड़ भविष्य में काम आएगी।
 हो सके तो होमवर्क कंपलीट करने के बाद आगे चैप्टर एक बार पढ़ लो। इससे तुम क्लास में मनोवैज्ञानिक बढ़त बना सकोगे।
विद्यार्थियोंके मनसे परीक्षाका भय कैसे दूर करें ?

           विद्यार्थी मित्रों, क्या आपको मौखिक परीक्षा, प्रायोगिक परीक्षा, शालेय एवं महाविद्यालयीन परीक्षा इत्यादिके समय मन पर तनावका अनुभव होता है ? क्या परीक्षाके समय नींद आना, पढाई करनेकी इच्छा न होना, एकाग्रताका अभाव, आत्मविश्वासका अभाव इत्यादि बातें आपके मनमें परीक्षाका भय निर्माण करती हैं ? क्या आपने कभी सोचा है, कि यह सब किस कारण होता है एवं इसे दूर करनेके लिए क्या करें ? नहीं न ! तो यहां दी गई जानकारीको ध्यानसे पढिए एवं उसपर अमल कर अपना जीवन उज्ज्वल बनाइए ।

            विद्यार्थियोंके मनमें अध्ययनके प्रति अरुचिका मुख्य कारण है चकाचौंध दुनियाका आकर्षण एवं दूरदर्शन । विद्यार्थी अपना अधिकांश समय पढाई एवं खेलकी अपेक्षा टी.वी. पर गंवाते हैं, जिससे शरीर स्वास्थ्यपर विपरीत परिणाम होता है तथा एकाग्रता एवं आत्मविश्वासका अभाव निर्माण होता है । पढाई करना विद्यार्थियोंका कत्र्तव्य है । इस कर्तव्यको भली-भांति निभानेके लिए यदि निम्नानुसार पढाई करें, तो वे निश्चित ही देशके एक सफल नागरिक बन पाएंगे । विद्यार्थियोंमें परीक्षाके डरका एक अन्य कारण है, स्पर्धाके युगमें अभिभावकों द्वारा बच्चोंसे अवास्तव अपेक्षा । बच्चोंको केवल स्पर्धात्मक दृष्टिकोण देनेकी अपेक्षा बच्चोंकी क्षमताका अभ्यास कर, माता-पिता उन्हें एक आदर्श विद्यार्थी बननेके लिए प्रोत्साहित करें । इससे बच्चोंके मनसे असुरक्षाकी भावना निकल जाएगी और वे अपने सर्वांगीण विकासके लिए स्वयंसिद्ध बनेंगे ।

पढाई किस समय एवं कहां बैठकर करें ?

पढाई किस समय करें ? : आजकल रातमें देरतक बैठकर अध्ययन करना एक पैâशन हो गया है । ऐसा करनेकी अपेक्षा सवेरे शीघ्र उठकर पढाईके लिए बैठें । शास्त्रके अनुसार ब्राह्ममुहूर्तके समय वातावरण शांत एवं सात्त्विक होता है, जो मनकी एकाग्रता बढानेमें सहायक होता है । मन एकाग्र होनेसे पढाई अच्छी होती है एवं कम समयमें अधिक याद कर सकते हैं ।

पढाई के लिए कहां एवं किस प्रकार बैठे ? : याद रहे, पढाई करते समय अपनी मे़ज स्वच्छ हो; जहां स्वच्छता होगी, वहां प्रसन्नता होगी एवं मन प्रसन्न होगा तो आत्मविश्वास एवं एकाग्रता अपने आप बढेंगे । अपनी मेजके सामने बुद्धिके देवता गणेशजीका चित्र लगाएं । प्रतिदिन एक विशिष्ट स्थान पर बैठकर ही पढाई करें । जहां अच्छी रोशनी हो, वहां सीधे तनकर बैठें अथवा कुर्सी-मे़जका उपयोग करें । ऐसे बैठें, कि आपकी आंखें एवं शरीर तनावरहित हों एवं आप अधिक समय बैठ पाएं । उचित आसन से आलस्य दूर होता है एवं पढाईमें एकाग्रता आती है ।

समय का नियोजन करें !

         खेलकूद, व्यायाम, विश्राम एवं अभ्यास इत्यादिके लिए अपने समयका नियोजन पहले ही कर लें; इससे पढाईके लिए पर्याप्त समय मिलेगा । कौनसे समय किस विषयकी पढाई करनी है, यह भी तय कर लें; जिससे यह स्पष्ट हो कि कौनसा विषय पढना है एवं कौनसा शेष है और सोचनेमें समय व्यर्थ न जाए । साथमें दी गई आदर्श समयसारिणी आपको अपनी समयसारिणी बनानेके लिए सहायक सिद्ध होगी ।

एकाग्रता एवं आत्मविश्वास बढाने हेतु क्या करना चाहिए ?

ईश्वरकी सहायता लेना : हर बार पढाईकी शुरुवातसे पूर्व श्रीगणेश एवं मां सरस्वतीसे प्रार्थना करें कि पढाई अच्छी हो। ऐसा करनेसे देवताके आशीर्वाद मिलते हैं एवं आत्मविश्वासमें वृद्धि होती है । प्रार्थनाके उपरांत पढाईमें एकाग्रता साध्य करने हेतु एवं विषयका ठीकसे आकलन होने हेतु ५ मिनट नामजप करें । नामजप एवं प्रार्थनाके कारण मनमें आनेवाले विचारोंका प्रमाण घट जाता है एवं अपने कार्यसे संबंधित विचार ही अधिक मात्रामें आते हैं, जिससे पढाईमें मन लगा रहता है । आप इस पृष्ठ पर दी गई प्रार्थनाओंका उपयोग कर सकते हैं ।

शरीरस्वास्थ्य एवं एकाग्रता : अधिकांश विद्यार्थी पढाई करते समय बोरियत होनेपर टी.वी. देखते हैं अथवा गाने सुननेमें रुचि रखते हैं; मात्र इन सर्व बातोंसे मनकी एकाग्रतापर परिणाम होता है । इसकी अपेक्षा, पढाईके दौरान समयका नियोजन कर, व्यायाम करनेके लिए अथवा थोडी देर बाहर खेलनेके लिए जाएं । इससे मन एवं शरीर स्वस्थ रहेगा एवं पढाई अच्छी होगी । शरीर स्वास्थ्य बने रहनेसे मनमें उत्साह रहेगा एवं पढाईमें एकाग्रता एवं स्मरणशक्ति बढनेमें सहायता होगी ।

परीक्षाके दौरान अपने माता-पितासे अपनी कमियोंका ध्यान दिलानेके लिए कहें

         बहुत बार हम प्रयत्न तो बहुत मन लगाकर करते हैं; परंतु हमारे दुर्गुण हमारे ध्येयपूर्तिके मार्गके आडे आते हैं - जैसे लगनकी कमी, आलस, अधिक समयतक टी.वी. देखनेकी तीव्र इच्छा इत्यादि । लगनकी कमीके कारण आलस निर्माण होता है एवं आलसको दूर करनेके लिए हम टी.वी. देखते हैं; परंतु उस समय अपने मुख्य उद्देश्यसे भटक जाते हैं । ऐसेमें विद्यार्थी अपने अभिभावकोंको, भाई-बहनोंको तथा घरके अन्य लोगोंको अपनी कमियोंके बारेमें ध्यान दिलानेके लिए कहें ।

विषयों की पढाई किस प्रकार करें ?

         बहुत बार विद्यार्थियोंके मनमें प्रश्न निर्माण होता है, कि विषयोंकी पढाई किस प्रकार करनी चाहिए । प्रत्येक नए विषयकी पढाई शुरू करनेसे पूर्व २ मिनट नामजप, ध्यान एवं प्रार्थना करें । सवेरेका समय शांत होता है, रातकी नींदके कारण हमारा शरीर एवं मन तरोता़जा होता है, इसलिए सवेरे कठिन विषयोंका अभ्यास करें । जिस समय नींद आ रही हो अथवा बोरियत हो रही हो, उस समय अपनी रुचिकेके विषयका अभ्यास करें । किसी भी विषय पर निरंतर ४५ मिनटसे अधिक समय मन एकाग्र करना कठिन होता है, इसलिए बीच-बीचमें थोडी देर विश्राम करें अथवा विषय बदलकर पढाई करें । पढाई करते समय नींद आने लगे, तो निद्रा देवीसे प्रार्थना कर सकते हैं ।

पढाई की बाते -- कैसे करें पढ़ाई में कंसन्ट्रेट
जी हा आप मे से काफी पढाई के प्रती या आपके बच्चे पढाई के प्रती कंसन्ट्रेट नही रहते होंगे हम आपके लिऐ लेकर आए है कुछ टिप्स जिन को अपना कर शायद आप अपनी पढाई पार पूरा ध्यान रखे तो पेश है कुछ टिप्स


                         राहुल बेहद होशियार स्टूडेंट है। लेकिन लगातार अव्वल रहने वाले राहुल का रिजल्ट नवीं क्लास में आकर खराब हो गया है। इससे न केवल राहुल, बल्कि उसके पैरेंट्स, टीचर और उसके दोस्तों को भी काफी हैरानी हुई है। दरअसल, उन सभी को समझ में ही नहीं आ रहा कि आखिर अपनी कक्षा में सबसे होशियार राहुल के साथ ऐसा क्यों हुआ? सच तो यह है कि आगे राहुल के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय आने वाला है, यानी उसका बोर्ड एग्जाम नजदीक है। ऐसी स्थिति में खराब रिजल्ट होने से सबका परेशान होना स्वाभाविक ही है।

 बहरहाल, क्या अब तक आप यह अंदाजा लगा सके हैं कि राहुल के साथ ऐसी परेशानी क्यों हुई? दरअसल, वह जब भी पढाई करने बैठता है, उसके मन में कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। कभी वह स्कूल से जुडी बातों के बारे में सोचने लगता है, तो कभी अचानक उसे किसी नए वीडियो-गेम का खयाल आ जाता है। इस तरह राहुल न चाहते हुए भी पढाई में कंसन्ट्रेट नहीं कर पाता। यही वजह है कि इस बार उसका रिजल्ट खराब हुआ है। वैसे, यह परेशानी राहुल के साथ ही नहीं, बल्कि राहुल के कई साथियों यानी आपमें से ज्यादातर बच्चों के साथ भी होती रहती है।

 क्यों होता है कंसन्ट्रेशन-ब्रेक

 दोस्तो, कहते हैं कि मन बेहद चंचल होता है। आपने भी यह जरूर महसूस किया होगा कि मन में एक साथ कई तरह की बातें तेजी से आती-जाती रहती हैं। ऐसे में किसी एक चीज पर एकाग्र (कंसन्ट्रेट) कर पाना सचमुच आसान नहीं होता! और आप चूंकि अभी स्कूल में हैं, इसलिए इस समय आपके मन में ढेरों सवाल, खास तौर पर स्टडी के समय आते ही होंगे। उदाहरण के लिए स्कूल में किसने और क्यों अमुक बातें कहीं, मैडम ने आपको अमुक मसले पर क्यों डांट दिया, अथवा आपके दोस्त ने जो नया वीडियो गेम लिया, वह कितना शानदार है, कल जो आपने टीवी में देखा था, उसमें क्या खास था? है न!

 आपकी उम्र का भी है हाथ

 एजुकेशनिस्ट व मैजिकल मैथॅड प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली के डायरेक्टर प्रदीप कुमार पढाई में कंसनट्रेट न कर पाने का एक कारण आपकी उम्र को भी मानते हैं। दरअसल, उनका यह कहना है कि सात से चौदह साल के एज-ग्रुप के बच्चों के माइंड एक इम्प्रेसनेबॅल माइंड होता है। यानी ऐसे बच्चों पर किसी भी चीज का जल्दी और तीव्र असर पडता है। यही वजह है कि उन्हें स्टडी के समय कंसन्ट्रेट करने में परेशानी भी होती है। वैसे, कंसन्ट्रेशन-ब्रेक होने के और भी कई कारण होते हैं। जैसे, स्टडी का गलत तरीका, दिनचर्या का सही नहीं होना, डाइट का बैलेंस्ड न होना, आउटडोर ऐक्टिविटीज या खेल-कूद में हिस्सा न लेना आदि।

 विल पावर स्ट्रांग हो

 महान वैज्ञानिक सर आइजेक न्यूटन ने एक बार कहा था कि यदि कोई मुझसे मेरी कामयाबी का राज पूछता है, तो उसे मैं एक ही सलाह देता हूं कि पहले अपनी एकाग्रता को मजबूत करो। न्यूटन ने ऐसा इसलिए कहा था, क्योंकि उनकी एकाग्रता गजब की थी, जिसका परिणाम आज दुनिया के सामने है। अब यदि न्यूटन की एकाग्रता इतनी अच्छी हो सकती है, तो आपकी क्यों नहीं! लेकिन ऐसा तभी संभव होगा, जब आपका विल पॉवर स्ट्रांग हो। इस बारे में विशेषज्ञ भी यही मानते हैं कि कंसन्ट्रेशन बढाने में आपकी इच्छाशक्ति यानी विल पावर का जबर्दस्त रोल होता है। इसलिए कंसन्ट्रेशन इम्पू्रव करने के जो भी तरीके हैं, उन सबका इस्तेमाल उसी कंडीशन में सफल हो सकता है, जब आपका विल पॉवर बेहद स्ट्रांग हो!

 क्या करें

 डिस्ट्रॅक्टिव आइडियाज को रोकने में सफल होने पर खुद को रिवार्ड जरूर दें।

 हेल्दी फूड्स यानी, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स और फाइब्रस युक्त खाद्य-पदार्थो का ही सेवन करें। जैसे- चपाती, मिल्क, फु्रट जूस आदि।

 साइक्लिंग, स्विमिंग या जॉगिंग करने से आपका विल पॉवर बढेगा और कंसन्ट्रेशन-लेवॅल में भी इजाफा होगा।

 रुटीन फॉलो करें और इसे मेंटेन भी रखें।

 पूरी नींद लें।

 क्या न करें

 एक विषय पढते समय दूसरे विषयों के बारे में न सोचें।

 टीवी कम से कम देखें।

 पढाई करते समय डिस्ट्रॅक्टिव आइडियाज यानी कुछ खाने, फ्रेंड्स को फोन करने, टीवी देखने आदि से खुद को रोकें।

 काउंसलर की टिप्स

 जंप-एन के डायरेक्टर और जाने-माने करियर काउंसलर जितिन चावला कंसन्ट्रेशन-लेवल इंप्रूव करने के कुछ खास टिप्स बताते हैं..

 रात को एकदम से सोने न जाएं, बल्कि बेड पर कुछ समय तक रिलैक्श होकर माइंड से सभी विचारों को निकालने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको अच्छी नींद आएगी और कंसन्ट्रेशन-लेवल बढेगा।

 सुबह उठने के बाद तुरंत काम पर न लग जाएं, बल्कि बेड पर कुछ देर तक के लिए बैठे रहें।

 स्टडी करते समय बुक में ही मार्क न करें, बल्कि इसके स्थान पर कॉनेल नोट मेकिंग मेथॅड को फौलो करें। इसके लिए आपको ए-फोर साइज के एक पेपर में दाईं तरफ कुछ खाली जगह छोड दें। हर पैराग्राफ के सेंट्रल आइडिया को यहां लिखें और एक बार पढ लेने के बाद सेंट्रल आइडिया की मदद से ही किसी भी टॉपिक को दोहराएं।

 सीमा झा

 स्टडी करते समय अचानक दूसरी बातों की तरफ ध्यान जाने से आपकी स्टडी, आपका रिजल्ट और अंतत: आपके भविष्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। क्यों होता है आपका कंसन्ट्रेशन ब्रेक और कैसे करें पढ़ाई में कंसन्ट्रेट?


पढाई में याद करने का नुस्खा
ब्रह्मचारी प्रहलादानंद  
पढाई के लिए रटना जरूरी नहीं हैं, रटकर जो भी हम पड़ते हैं, वह भूल जाते हैं | पढ़ने दे लिए सुनना जरूरी है, जो भी हम सुंनते वह जल्दी याद भी होता है और भूलते भी नहीं हैं हम | इसलिए अगर कोई भी पढ़ना हो तो पहले पैराग्राफ के अनुसार उसे अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड कर लो | कहीं भी आजकल तो मोबाइल में रिकॉर्ड कर सकते हैं | फिर उसे सुनो जैसे कि गाने सुंनते हैं, और उसे बार बार सुनो, वह स्वतः ही याद हो जाएगा | वह आप किसी को भी बोल कर सुना सकते हैं, या लिख सकते हैं, ऐसी ही सब में करो | रिकॉर्ड करो और सुनो उसको जो याद करना है, फिर देखो कितने जल्दी याद होता है | किताब से पढ़कर कभी भी उस तरह याद नहीं होगा, और फिर बार-बार रिकॉर्ड करने और सुनने से आप को किसी के सामने कोई विषय प्रस्तुत करने मैं भी कोई कठिनाई नहीं होगी | आप उस विषय को आसानी से किसी को समझा सकते हैं, और आपकी आवाज़ की क्वॉलिटी भी निखरती जायेगी | इसलिए पहले के लोग लिखकर नहीं, सुनकर किसी को याद करते थे |

 बस इसे अपने मन में नहीं दुहराना है, इसे बस सुनना भी नहीं है | बस जो भी है उसे रिकॉर्ड करके और कान में लगा कर कई बार चला लेना है | भले आप सुनो न सुनो, भले आप का ध्यान कहीं और रहे | और उसे बस बजाते रहिये | और एक दिन वही आपके मुँह से अपने आप निकलेगा और आप उसे लिख सकते हैं | फिर वह जिन्दगी भर भी नहीं भूलेगा| जब भी उसका जिक्र होगा वह खुद-व-खुद निकल आएगा | और इसमें कोई तनाव भी नहीं होगा | की याद करना है | जैसे हम गाना सुनते हैं उसी तरह गाने की जगह आप अपनी आवाज़ में अपना मेटर रिकॉर्ड करके उसे सुनिए और ध्यान मत दीजिये की याद हो रह की नहीं बस उसे बजने दीजिए | नींद आती है तो आने दीजिये और गहरी नींद आने पर उसे बंद कर सो जाइए | और बोरियत होती है होने दीजिये | थोडा-थोडा रिकॉर्ड कर सुनिए | और फिर बड़ा-बाद रिकॉर्ड कर सुनिए | धीरे-धीरे आपकी आवाज़ आपको अच्छी लगने लगेगी | और रिकॉर्ड करने से एक फायदा यह भी है की जिस मेटर को आप सब के सामने नहीं पड़ सकते वह जिझक दूर हो जायेगी | क्यूंकि आप फिर अपनी आवाज़ को और सुंदर रिकॉर्ड करोगे | और किसी भी विषय को मौखिक और लौखिक रूप में प्रकट कर सकोगे | और अपने को भी बढ़िया लगेगा |

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