Friday 24 August 2012

9 तरीके तनावमुक्त होने के


9 तरीके तनावमुक्त होने के
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थके हुए होने पर कई बार किसी का बोलना भी खराब लगता है। भले ही वह आवाज अपने चहेते बच्चों की क्यों न हो। हालांकि काउंसलर यह राय देते हैं कि घर आने पर अपने बच्चों से बात करने से मन हलका हो जाता है। आप उनकी स्कूली दिनचर्या के बारे में बात कर सकते हैं। बच्चे मासूम होते हैं। वे अच्छा-बुरा कुछ भी नहीं जानते। इसलिए उनकी प्यारी और मासूम बातें आपके बिगडे मूड को बहुत आसानी से बदल देती हैं।

1. घर आने के बाद कम के कम तीन घंटे तक टीवी मत देखिए। आपका समय कीमती है उसे बर्बाद मत कीजिए। इस समय को एक कप चाय या कॉफी की प्याली के साथ अपने परिवार के साथ बिताने की कोशिश करिए।

2. घर के अंदर-बाहर या उसके आस-पास कुछ पौधे लगाइए। बागवानी करने से कुछ ही देर में थकान व तनाव दोनों गायब हो जाते हैं।

3. शाम की थकान दूर करने के लिए घर का कोई कोना निश्चित कर लीजिए। यहां संगीत का आनंद ले सकते हैं, सुन कर या सुना कर। जरूरी नहीं कि क्लासिकल संगीत ही आनंद दे, कुछ भी हलका-फुल्का सुना जा सकता है। मूड चेंज के लिए संगीत से बेहतर विकल्प और कोई नहीं।

4. खराब विचारों को दूर रखिए। मनोचिकित्सकों का मानना है कि सकारात्मक विचार पॉजिटिव वाइब्रेशंस को बढाने में मददगार होते हैं। इसलिए अच्छे विचारों को अपने व्यवहार में शामिल करिए।

5. अपने काम या ऑफिस की बात को घर पर मत करिए। मैरिज काउंसलर का कहना है कि किसी सामान्य विषय पर बात करना ज्यादा हितकारी है।

6. पिछली किसी रचनात्मक अनुभव पर चर्चा करें जैसे पेंटिंग या संगीत से जुडी याद, अभिनय या नृत्य। अपनी पिछली जिंदगी से जुडी रोचक घटना को याद करने से मन हलका और शांत हो जाता है।

7. एकसरसाइज सबसे बेहतर उपाय है तनाव को दूर करने का। इसलिए प्रतिदिन वर्क आउट करने की आदत डालिए। सर्वे बताते हैं किजो लोग नियमित एक्सरसाइज करते हैं वे स्वस्थ तो रहते ही हैं और ज्यादा उत्साहित भी रहते हैं। इसके लिए एक्सरसाइज के विकल्प में खेलों को भी जगह दे सकते हैं। याद रखें कि आप खुश और सेहतमंद होंगे तो पूरा परिवार स्वस्थ और आनंदमय रहेगा।

8. छोटे-छोटे अवकाश दिमाग को शांत रखते हैं। इससे न तो करियर की चिंता रहती है न ही लक्ष्यों की। जब भी तनाव ज्यादा लगे इस फॉर्मूले पर अमल करें।

9. एक समय में अनेक काम एक साथ करने वाले तनावग्रस्त रहते हैं। इसलिए अपनी सीमाओं को पहचानिए और उसी के अनुसार अपने ऊपर काम की जिम्मेदारी लीजिए। न कहना सीखिए। अपने आप तनावमुक्त रहेंगे।









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