क्या
है सफलता का मूल मंत्र
सफलता
का महान वृक्ष उन छोटे-छोटे दिखने वाले गुणों में छिपा होता है, जिनकी
हम अक्सर उपेक्षा करते हैं। वे हमें इसलिए भी निरर्थक लगते हैं, क्योंकि
बचपन से हम उनके बारे में सुनते आ रहे हैं लेकिन अचरज तो तब होता है, जब
हम इस पुराने बेकार से दिखने वाले चिराग को घिसते हैं और कामयाबी का जिन्न आ खडा
होता है। इस कामयाबी के लिए तीन की वर्ड्स हैं-नॉलेज, स्किल्स
और एक्शन। मंजिल कहीं भी हो, रास्ता यहीं से गुजरेगा।
अप्रैल
का महीना हर लिहाज से एक नई शुरुआत लेकर आता है। अप्रैल और मई के बीच प्राय: सभी
एकेडमिक और प्रोफेशनल एग्जाम हो जाते हैं और उन्हें अपनी कमियों और गुणों का पता
भी चल जाता है। हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता चंद लोगों को ही
मिलती है। पर अहम सवाल है, कि इन्हें कैसे पाया जाए, आखिर
कैसे अब तक क्षितिज में दिखने वाली इन चीजों को मुट्ठी में कैद किया जाए। इस संबंध
में कामयाब लोगों का मानना है कि अगर आपके पास नॉलेज, स्किल्स
और एक्शन है, तो आप किसी भी क्षेत्रों में सफल हो सकते
हैं। आपकी सुविधा के लिए यहां सफलता के महत्वपूर्ण की वर्ड्स दिए जा रहे हैं, जिसे
अपनाकर आप भी सफल हो सकते हैं..
नॉलेज
1. परफैक्ट बेसिक्स नॉलेज
क्रिकेट
का बल्ला थामने वाले किसी भी नए खिलाडी को उसके कोच की पहली सीख यही होती है कि
बैटिंग के दौरान अपना सिर स्थिर रखो, ज्यादा से ज्यादा सीधे बैट
इस्तेमाल करो, कदमों क ा मूवमेंट ठीक रखो। क्रि केट के ये
कुछ ऐसे बेसिक्स हैं, जिनको फॉलो किया जाए तो चाहें
कैसी पिच हो, कैसा भी गेंदबाज हो, रन
बनना तय है। ठीक इसी तरह कॅरियर की पिच पर भी यदि आप अपना बेसिक्स क्लियर रखते हैं
तो कामयाबी निश्चित है। आप किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों, यदि
आपको पिछली कक्षाओं में पढाए जाने वाले सवालों,
फार्मूलों
का आधारभूत ज्ञान है, तो प्रतियोगिता का चक्रव्यूह
तोडना आसान है। कंपटीशन काफी बढ गया है। स्टूडेंट्स इन दिनों प्रतियोगी परीक्षा की
तैयारी परीक्षा से कई वर्ष पहले ही शुरू कर देते हैं। अगर परीक्षा में सफल
स्टूडेंट्स को देखें तो उन्हीं को सफलता मिली है,
जिनका बेसिक्स
क्लियर रहा है।
2. सही समय पर सही वर्क
अगर
आप सफल होना चाहते हैं, तो आपको यह नॉलेज रखना ही होगा
कि कौन वर्क पहले और कौन बाद में करना है। इसके अभाव में योग्य रहते हुए भी असफल
व्यक्ति बन सकते हैं। दिन में 24 घंटे होते हैं और हर किसी को
इतना ही समय मिलता है। अब यह आप पर है कि कैसे इसकी कीमत पहचान अपनी तकदीर लिखते
हैं या इन्हें दरकिनार करते हैं। स्टूडेंट्स के लिए वक्त की अहमियत कई गुना है।
विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कपंटीशन क तैयारी में लगे छात्रों के लिए एक-एक मिनट
कीमती है। यदि वे यहां लगातार डेडलाइन बेस्ड स्टडी करते हैं। अपने सभी सब्जेक्ट्स
को बराबर समय देते हैं तो किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। स्टडी
ही नहीं, अगर आप जॉब या स्वरोजगार कर रहे हैं, तो
इसमें भी टाइम मैनेजमेंट का अहम रोल होता है। यही कारण है कि हर सफल लोग इसे
वरीयता सूची में रखते हैं।
3. बढाएं व्यावहारिक नॉलेज
पुरानी
कहावत है पढो और साथ में गढो, गढो यानि व्यवहारिक अनुभव अर्जित
करो। स्वरोजगार के क्षेत्र में इसकी कदम दर कदम जरूरत पडती है। जानकार भी मानते
हैं कि यदि आप किसी क्षेत्र में खुद का कोई,काम प्रारंभ कर रहे हैं, तो
उस काम की व्यवहारगत कार्यप्रणाली, बारीकियां व समस्याएं समझना
आवश्यक है। इसके लिए संबंधित इंडस्ट्री में थोडे दिन बतौर कर्मचारी काम करना अच्छा
विकल्प है। आपने भारतीय मूल की ब्रिटिश उद्योगपति परवीन वारसी जिन्हें लोग प्यार
से समोसा क्वीन कहते हैं, का नाम सुना ही होगा। परवीन हर
बीतते वक्त के साथ ब्रिटिश उद्योग जगत में चमक बिख्ेारती जा रही हैं। अपनी तरह की
पहली महिला उद्यमी परवीन ने जब 70 के दशक में डर्बी स्थित अपने घर
से खाना खिलाने का यह काम शुरू किया तो उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि वे एक दिन
ब्रिटेन की सबसे धनी महिला उद्यमी बन जाएंगी। खुद उनके ही शब्दों में क्लियर विजन, डिटरमिनेशन, हार्ड
वर्क , डिसीजन मेकिंग जैसी चीजों ने उन्हें यहां तक
पहुंचाया है। यह सभी गुण निरंतर कार्य करते हुए सीखा जा सकता है। इसके लिए कोई
उम्र सीमा और स्थान नहीं है।
4. मौलिकता में है सफलता
किसी
ने सच ही कहा है कि कितनी हैरानी की बात है कि इंसान हर समय, हर
किसी से मांगता ही रहे, मांगे हुए विचार, उधार
ली गई योजनाएं, नकल किए गए हाव-भाव, दूसरों
के निर्णयों की मोहताज जिंदगी. क्या ऐसा व्यक्ति कभी सफल हो सकता है, उपरोक्त
तथ्य से आज के जमाने में मौलिकता की कीमत समझी जा सकती है। आज सभी क्षेत्रों में
मौलिकता की मांग है। अगर आप में मौलिक सोच हो,
तो आप कई
क्षेत्रों में सफलता की बुलंदियों को छू सकते हैं। इसलिए कहा भी जाता है कि सफल
होनेवाले कोई काम अलग नहीं करते हैं, बल्कि उसी काम को अलग ढंग से
करते हैं। इस तरह की सोच आप में है, तो आप बेहतर कल की कल्पना कर
सकते हैं।
5. समझें लोन व सरकारी नियम
एमबीए
सब्जीवाला के नाम से मशहूर कौशलेंद्र का कहना है कि कोई भी रोजगार शुरू करने से
पहले यदि आप इससे संबंधित सरकारी नियम व लाभ के बारे में अवगत होते हैं, तो
आधी दूरी आप यूं ही तय कर लेते हैं। आजकल स्वरोजगार के क्षेत्र में अवसर का बाईपास
तैयार हो चुका है। आप चाहें तो इस बाईपास की मदद से कॅरियर का लंबा व उबाऊ रास्ता
आसानी से तय कर सकते हैं। इस काम को सरकारी स्कीमें आसान बना रही हैं। लेकिन इसका
फयदा उठाने के लिए आपको इनकी पूरी जानकारी रखनी होगी। जरूरी डॉक्यूमेंट्स व कागजी
कार्रवाई के लिए संबंधित संस्थान से पूरी जानकारी अपेक्षित है। इस दौरान अपनी
आर्थिक स्थिति का आकलन भी अनिवार्य शर्त है।
एक्शन
1. करो निर्भय निर्णय का नाद
जोदि
तोर डाक शुने केऊ न आशे, तोबे एकला चलो रे कविवर रवीद्र
नाथ टैगोर ने ये शब्द आज से सालों पहले देश के बुझे जनमानस में नए प्राण फूंकने के
उद्देश्य से कहे थे, सोच थी कि इन शब्दों के पाथेय से
ऊर्जा ले देशवासी न केवल नए भारत,का सपना देखेंगे, बल्कि
इस सपने को हकीकत की जमीन पर भी उतारेंगे। भले ही इसके लिए साथ देने वाला कोई न
हो। एकला चलो का यह संदेश कॅरियर के मामले में भी उतना ही सटीक है, जो
यह बताता है कि कॅरियर पथ पर कामयाबी उनको ही मिलेगी, जिन्हें
इन रास्तों पर बेखौफ चलने का शऊ र आता हो। विशषज्ञों की राय भी इस बाबत जुदा नहीं
है। उनका मानना है,कि कॅरियर कोई भी क्यों न हो, एक
बार यदि आपने उस पर चलने का निर्णय ले लिया है तो उस निर्णय को अंजाम तक पहुंचाना
आपका ही दायित्व होगा। ऐसे में बेहतर होगा कि आपने जो भी फैसला लिया है, उसे
अपनी निर्भयता से सफल बनाएं।
2. मेहनत का नहीं है विकल्प
जानी
मानी कथाकार व हैरी पॉटर सीरीज की लेखिका जेकेरोलिंग की जीवनी उन सभी युवाओं के
लिए प्रेरणा का सबब है, जो सफलता तुक्केसे नही मेहनत से
अर्जित करना जानते हैं। आज जो जेके रोलिंग टाइम मैग्जीन, फोर्ब्स
में सुर्खियां पा रही हैं, बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि
शोहरत की ऊंचाई छूने से पहले वे बेहद साधारण व संघर्षमय जीवन जी रही थीं। खुद उनके
शब्दों में बच्चों की परवरिश, जीवकोपार्जन की जिम्मेदारी के
पाटों में पिसती उनकी जिंदगी में केवल रात के ही कुछ पल होते थे, जिसमें
वो लेखन कार्य कर पाती थीं, दिन की कडी मेहनत और रात-रात भर
जागकर किए गए अनवरत लेखन का ही परिणाम है कि आज मैं यहां तक पहुंच पाई। आपमें से
हर किसी के पास जेके रोलिंग बनने की क्षमता और नजरिया है।,जरूरत
है,तो बस मेहनत की हदें पार करने की।
3. पहले सोचें और पहले एक्शन लें
आपके
विचारों में यदि अविश्वास का घुन लग गया तो विशाल उपलब्धियों की इमारत भी पल भर
में ढेर हो जाएगी। संभव है स्वामी रामतीर्थ,ने ये शब्द किसी और परिप्रेक्ष्य
में कहे हों, लेकिन आज तेज प्रतिस्पर्धा से भरे कॅरियर में
ये शब्द अपनी खास महत्ता रखते हैं। यूं तो खुद पर विश्वास जिंदगी के हर क्षेत्र
में काम आता है। लेकिन एक एंटरप्रेन्योर बगैर आत्मविश्वास के एक कदम भी आगे नहीं
बढ सकता। स्वरोजगार की राह में सफल वही है, जो न केवल दूसरों से पहले सोचे
बल्कि इसे दूसरों से पहले जमीन पर भी उतारे। जाहिर है इस काम में आपकी त्वरित निर्णय
क्षमता मददगार होगी। देखा गया है,कि कई,बार
बहुत अच्छे आइडियाज पर भी ज्यादा विचार-विमर्श से लाभदायक अवसर हाथ से निकल जाता
है।,ऐसे में अहम है कि आप अपनी निर्णय प्रकिया को
सुगम बनाएं व वक्त रहते सही फैसला लें।
4. जोखिम को बनाएं तरक्की का औजार
जोखिम
लेना सबके बस की बात नहीं होती। इसके लिए हिम्मत चाहिए। अपने फैसलों को सही साबित
क रने की इच्छा शक्ति चाहिए। यदि आपके भीतर ये क्षमता है, तो
बेहतर होगा कि इसे बाहर निकालिए और इसे अपनी तरक्की का औजार बनने दीजिए। अब तो
स्वयं सरकार युवाओं की उद्यमशीलता बढाने हेतु प्रयासरत है। कुटीर उद्योग, छोटे
मझोले उद्योगों के लिए सरकार की ओर से प्रशिक्षण केंद्रों, बैंक
लोन व सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। लिहाजा वे युवा, जिनका
रुझान इस क्षेत्र में है, इनकी मदद से कामयाबी के
कीर्तिमान गढ सकते हैं।
5. आप करना क्या चाहते हो?
एक
समारोह में बोलते हुए एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स ने बडे पते की बात कही थी
कि आपकीजिंदगी का सबसे अहम पल वह होता है,जिसमें आप तय कर पाते हैं कि
आपको करना क्या है। जब तक आप तय नहीं कर पाते कौन सा काम आपको सचमुच आनंद देगा, कौन
सा काम है, जिसे आप बडा मानते हैं, कौन
सा काम है,जिसे आप सबसे बेहतर तरीके से कर सकते हैं, उस
काम को लगातर खोजते रहें। स्वरोजगार के क्षेत्र में इन शब्दों की बडी अहमियत है, जहां
अपनी क्षमताओं, अपनी शक्तियों, रुचियों
की तलाश अनिवार्य है। यदि एक बार आपने ऐसा कर लिया तो पीछे हटने की कोई वजह नहीं
हैं।
स्किल्स
1. सॉफ्ट स्किल्स को बनाएं ढाल
आज
के दौर में सॉफ्ट स्किल्स की अहमियत से कौन इंकार कर सकता है। बातचीत का बेहतर ढंग, एटीकेट्स, अंग्रेजी
का सही इस्तेमाल इन्हीं में आता है। इन सबमें वो ताकत है, जो
आपके कॅरियर के ग्रोथ इंजन को तेज कर सकता है। एक प्रतिष्ठित संस्था द्वारा किए गए
सर्वे के अनुसार जॉब्स में उन लोगों क प्रगति अपेक्षाकृत आसान होती है, जो
सॉफ्ट स्किल्स में माहिर होते हैं।
2. अनवरत सीखने की जिज्ञासा
कॅरियर
में सफलता के लिए भी आपको नई चीजें सीखने के प्रति उत्सुक रहना होेगा। कम्यूटर के
छोटे मोटे एप्लीकेशन, राइटिंग, कम्यूनिकेशन, शॉर्ट
टर्म कोर्सेस, डिस्टेंस लर्निग कोर्सेस, स्पीकिं
ग, टाइपिंग,
म्यूजिक
यहां तक ड्राइविंग,मैकेनिकगिरी आदि ऐसे ही स्किल्स
में शुमार होते हैं। बेहतर होगा कि आप जहां भी रहें, कुछ
न कुछ अवश्य सीखते रहें।
3. मल्टी टास्किंग है समय की मांग
आप
किसी संस्थान से जुडते हैं तो बेहतर होगा कि खुद को मल्टी टास्िकग में माहिर
बनाएं। चाहें आप जॉब में हों या न हों, कामयाब होने के लिए टेक्नोसेवी
होना भी अनिवार्य,है। टेक्नोसेवी होने का मतलब
कंप्यूटर में दक्षता, सोशल नेटवर्किग की समझ, नेटसेवी, अलग-अलग
कंप्यूटर एप्लीकेशन की नॉलेज होना है, जिनका इस्तेमाल जॉब के दौरान
करते हैं तो कामयाबी के अवसर बढ जाते हैं।
4. बढाएं कम्युनिकेशन स्किल
मार्केटिंग, टीचिंग, कॉल
सेंटर, वकालत समेत सभी क्षेत्रों में अच्छी
कम्यूनिकेशन स्किल तरक्की का दूसरा नाम मानी जाती है। यदि आप इस कला में माहिर हैं,तो
आपको बढने से कोई नहीं रोक सकता। विशेषज्ञों के अनुसार आज के जमाने में नौकरी पाना
अहम है, लेकिन नौकरी में रहते हुए अपनी तरक्की की राह
सुनिश्चित करना भी उतना ही अहम है। ऐसे में बढिया कम्यूनिकेशन स्किल आपके बहुत काम
आएगी।
5. सीखें नतीजों पर मेहनत करने की
कला
आपने
ऊंचे आसमान में उडती हुई,चील को तो कई,बार
देखा होगा, लेकिन आपमें से बहुत कम को मालूम होगा कि इन
चीलों में सब्र बहुत होता है। एक बार अपने शिकार को देख लेने के बाद ये चीलें
कई-कई दिनों, हफ्तों, महीनों अपने शिकार को बडी
सावधानी से वॉच करती हैं और बेहतर मौका आते ही शिकार उनके पंजों में होता है।
कॅरियर की मुट्ठी में कामयाबी की मजबूत पकड के लिए आप में चीलों जैसा धीरज होना
जरूरी है। यदि आप करियर के किसी खास मुकाम की तलाश में हैं, तो
अच्छा है कि आप नतीजों के लिए मेहनत करें।
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